लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों और विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों में पोस्ट कोविड मरीजों का निश्शुल्क इलाज किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार की ओर से सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के बाद भर्ती कराए गए रोगियों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी यदि पोस्ट कोविड समस्याओं के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती रखना पड़ता है तो भी उनका निश्शुल्क इलाज किया जाएगा।

दरअसल, कई मेडिकल कॉलेज अभी तक कोरोना मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनके अस्पताल में भर्ती रहने पर उनसे कुछ सेवाओं का शुल्क ले रहे थे। प्रमुख सचिव आलोक कुमार के मुताबिक पोस्ट कोविड समस्याओं के चलते अस्पतालों में भर्ती इन रोगियों के उपचार को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। ऐसे में संजय गांधी पीजीआइ व केजीएमयू सहित विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों और निजी व सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अब ऐसे मरीजों का इलाज भी मुफ्त किया जाएगा। फिलहाल रोगियों को बड़ी राहत मिल गई है।

कोरोना से बचाव कार्यों की निगरानी के लिए बने नोडल अधिकारी : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे कार्यों की निगरानी व सुचारु व्यवस्था के लिए नगरीय निकाय निदेशालय ने प्रदेश के सभी 18 मंडलों में नोडल अधिकारी बनाए हैं। प्रत्येक नोडल अधिकारी को तीन से चार मंडल दिए गए हैं। इनके साथ दो से तीन सहायक अधिकारी भी लगाए गए हैं। इनका काम मंडलों में रहकर कार्यों की निगरानी करना और उसकी रिपोर्ट स्थानीय निकाय निदेशालय को सौंपना है।

ये अफसर संभालेंगे जिम्मेदारी : उप निदेशक रश्मि सिंह, सहायक उपेंद्र तिवारी व अनामिका सिंह को अयोध्या, गोरखपुर व प्रयागराज मंडल की जिम्मेदारी दी गई है। अपर निदेशक पीके श्रीवास्तव, सहायक डा. सुनील कुमार यादव व सुशील चंद्र गुप्ता को मेरठ, सहारनपुर, झांसी तथा चित्रकूट का नोडल अधिकारी बनाया गया है। अपर निदेशक स्वच्छ भारत मृत्युंजय तथा सहायक विद्यासागर यादव व बिन्नो रिजवी आगरा, अलीगढ़ व लखनऊ व कानपुर मंडल की जिम्मेदारी संभालेंगे। अपर निदेशक डा.मोहम्मद असलम अंसारी, सहायक महेंद्र कुमार व विवेक सिंह आजमगढ़, बस्ती, वाराणसी व देवीपाटन मंडल का नोडल अधिकारी बनाया गया है। मुख्य अभियंता आरके चौधरी, सहायक विकास कुरील को मुरादाबाद, बरेली व मीरजापुर का नोडल अधिकारी बनाया गया है।

इन कार्यों की करेंगे निगरानी : नोडल अधिकारी अपने-अपने मंडलों में रहेंगे और कोरोना की रोकथाम से जुड़े कामों जैसे सफाई व सैनिटाइजेशन, श्मशान घाट, अंत्येष्टि स्थल, कब्रिस्तानों से प्राप्त साप्ताहिक सूचना का परीक्षण करेंगे। मोहल्ला निगरानी समितियों द्वारा की जा रही स्क्रीनिंग व मेडिकल किट वितरण की जानकारी लेंगे। कोरोना संक्रमित शवों के मुफ्त अंतिम संस्कार की जानकारी लेंगे। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के संबंध में किए जा रहे कामों और परेशानियों को चिन्हित करेंगे। बारिश से पहले नाला-नालियों की सफाई की जानकारी लेंगे। स्थानीय निकाय निदेशालय को तय प्रारूप पर सूचना न देने वाले डिफाल्टर निकायों के बारे में जानकारी लेकर उनसे सूचना प्राप्त करेंगे। साभार-दैनिक जागरण

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