कौन झूठा-कौन सच्चा:यूपी सरकार बोली- चुनाव ड्यूटी में 3 शिक्षकों की मौत, शिक्षक संघ का दावा- 2121 की जान गई; भास्कर के पास 18 जिलों से 200 नाम, जिनकी कोरोना से मौत हुई

पढ़िए  दैनिक भास्कर की ये खबर

यूपी में पंचायत चुनाव में ट्रेनिंग से लेकर मतगणना तक राज्य के हर जिले से शिक्षक कोरोना संक्रमित हुए और उनकी मौत तक हुई। लेकिन सरकारी व्यवस्था ने इनकी मौत को मजाक बना दिया। बुधवार को कोरोना से सिर्फ 3 मौत बताने वाले शिक्षामंत्री से भास्कर ने बात की। मंत्री का कहना है कि उन्होंने जो आंकड़ा बताया है, वह उन्हें राज्य चुनाव आयोग से मिला है।

मंत्री के दावों से उलट उनके ही विभाग के अधिकारियों ने लगभग हर जिले से उन मृत शिक्षकों की सूची भेजी है, जिनकी चुनावी ट्रेनिंग या ड्यूटी के बाद कोरोना से मौत हो गई। इस मामले में जब शिक्षक संघों ने सरकार को आड़े हाथ लिया, तो सरकार इस बात के लिए तैयार हुई है कि चुनाव आयोग अपनी पुरानी गाइडलाइन को संशोधित करे। यानी, जिस गाइडलाइन के आधार पर सिर्फ 3 मौतें बताई जा रही हैं, उसे बदले।

शिक्षक संघ का दावा…
राज्य के शिक्षक और कर्मचारी संगठनों का दावा है कि पंचायत चुनाव की ट्रेनिंग और उसके बाद ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित होने से करीब 3100 से ज्यादा शिक्षक और कर्मचारियों की 15 मई तक मौत हो चुकी है।

भास्कर की पड़ताल…
भास्कर टीम ने भी यूपी सरकार और शिक्षक संघ के दावाें की जांच की। इसमें भास्कर को शिक्षक संघ के दावे ज्यादा सच लगते हैं। भास्कर के पास ऐसे 18 जिलों के करीब 200 शिक्षकों के नाम और उनकी फोटो हैं, जिनकी पंचायत चुनाव में ड्यूटी के बाद मौत हुई है।

इनकी मौत से जुड़े पत्र को संबंधित जिलों के BSA ने जारी भी किया है। इन सभी को चुनाव ड्यूटी के दौरान संक्रमण हुआ और 10 दिनों के अंदर मौत हो गई। कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों और जिलाधिकारियों ने मृत शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची चुनाव आयोग और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजी है।

500 माध्यमिक शिक्षक हैं, पूरी सूची हम सीएम को भेजेंगे: संघ

  • माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री आरपी मिश्रा का कहना है कि ट्रेनिंग से लेकर मतगणना और चुनाव कराने के दौरान हजारों शिक्षक और कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हुए। तब से 15 मई तक माध्यमिक और बेसिक शिक्षा को मिलाकर 2121 शिक्षकों की मौत हुई है। इनमें करीब 500 माध्यमिक शिक्षक हैं। पूरी सूची तैयार की जा रही है। इसे मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।
  • राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि प्रदेश में चुनावी ड्यूटी के दौरान लाखों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। ट्रेनिंग से लेकर अब तक करीब 1000 राज्य कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। सरकार के जो अधिकारी इन्हें कोरोना से मृत नहीं मान रहे, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

कुछ शिक्षक जिनकी ड्यूटी के दौरान मौत हुई, भास्कर उनके घर पहुंचा ..

  • लखनऊ से… गर्भ में जुड़वा बच्चों के साथ शिक्षिका की मौत हो गई

लखनऊ में रहने वाले शशांक शिक्षक हैं। पत्नी श्रावस्ती जिले में नौकरी करती थीं। 10 अप्रैल को मतगणना ट्रेनिंग में इनकी ड्यूटी लगी। उस दौरान वे 5 महीने की गर्भवती थीं। उन्होंने स्वास्थ्य को देखते हुए ड्यूटी से नाम हटाने के लिए आवेदन किया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 10 तारीख को ड्यूटी करने के बाद 11 से इनको बुखार आने लगा। 12 अप्रैल को परिवार वालों ने RTPCR जांच कराई। लेकिन रिपोर्ट नहीं मिली ।

14 अप्रैल को चुनाव की ड्यूटी करनी पड़ी। वहीं, दोबारा तबीयत खराब हुई। शशांक ने बताया कि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई, लेकिन अधिकारियों ने छुट्टी देने से मना कर दिया। यहां चिनहट स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। 15 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

फिर शशांक पत्नी को बाराबंकी के मेयो अस्पताल में ले गए। जहां 17 अप्रैल की रात उनकी मौत हो गई। शशांक बताते हैं कि दोनों की 10 महीने पहले ही शादी हुई थी, पत्नी जुड़वा बच्चों की मां बनने वाली थी।

  • प्रयागराज से… ड्यूटी के बाद पहले बुखार आया, फिर मौत हो गई

प्रेम शंकर मिश्रा बहरिया ब्लाक के यूपीएस आदमपुर में सहायक अध्यापक थे। उनकी पंचायत चुनाव में 15 अप्रैल को ड्यूटी लगी थी। 16 अप्रैल को उन्हें बुखार आया। 20 अप्रैल की रात सांस लेने में समस्या आई। 22 अप्रैल की सुबह अस्पताल ले जाते वक्त हार्ट अटैक से मौत हो गई।

उनके बड़े भाई बड़े भाई कृपा शंकर मिश्रा ने बताया कि हम गाड़ी लेकर भागे। सरस्वती हार्ट केयर पहुंचे। वहां भर्ती करने से मना कर दिया गया। उसके बाद हम छोटे भाई को लेकर स्वरूपरानी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। वहां भर्ती तो किया गया, पर उन्हें बचाया नहीं जा सका।

  • झांसी से… 7 साल के बेटे को नहीं बताया कि पापा नहीं रहे

टीचर सौरभ तलैया अब इस दुनिया में नहीं रहे। सौरभ झांसी के बंगरा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय कुरेचा में सहायक अध्यापक थे। 15 अप्रैल को सौरभ की ड्यूटी लगी। इसी दौरान सौरभ संक्रमित हुए और स्थिति बिगड़ने पर उन्हें झांसी रेफर किया गया। प्राइवेट नर्सिंग होम में एडमिट कराया गया।

झांसी मेडिकल कॉलेज में जब बेड नहीं मिला तो उन्हें मध्य प्रदेश के दतिया जिले के मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती किया गया। मगर कुछ ही घंटों बाद 30 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। सौरभ की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। उनके 7 साल के बेटे को तो यह भी नहीं पता कि अब पापा नहीं रहे।

  • मेरठ से… चुनाव ड्यूटी से लौटी जाहिदा तो उठा जनाजा

मेरठ में खरखौदा ब्लॉक के बिजौली गांव के कंपोजिट विद्यालय की प्रभारी ज़ाहिदा बेगम की 13 मई को कोरोना से मौत हो गई। जाहिदा के परिवार ने बताया कि 26 अप्रैल को जाहिदा की सरधना में पंचायत चुनाव में ड्यूटी थी। ड्यूटी से वापस आने के दो दिन बाद ही जाहिदा की तबियत बिगड़ी। जांच कराई तो कोरोना निकला। मेरठ में किसी भी अस्पताल ने बेड न होने के कारण ज़ाहिदा को भर्ती करने से इंकार कर दिया। तब आगरा के मूलचंद अस्पताल में जाहिदा को भर्ती कराया, जहां 13 मई को वे जिंदगी की जंग हार गई।

  • गोरखपुर से… ड्यूटी से लौटने पर बिगड़ी तबीयत, मतगणना के अगले दिन मौत

शेष मणि त्रिपाठी गोरखपुर खजनी के राजामारा प्राथमिक विद्यालय के हेड मास्टर थे। पंचायत चुनाव में ड्यूटी से लौटने के बाद तबीयत बिगड़ी। परिवार वालों ने RT-PCR जांच कराई तो उसमें वे संक्रमित निकले। मतगणना के एक दिन बाद ही इनकी मौत हो गई। इनके दो बच्चे हैं। एक बेटी की शादी हो चुकी है।

  • वाराणसी से… चुनाव की ट्रेनिंग में संक्रमित हुए तो घर नहीं लौटे

डॉ. अनंत कुमार राय (42) पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण के दौरान कोरोना संक्रमित हुए तो वापस घर लौट कर नहीं गए। रोते-बिलखते हुए पत्नी निधि राय बताती हैं कि 9 अप्रैल को पति पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण के लिए गए थे। उसी के बाद से उनकी तबीयत खराब हो गई थी।

17 अप्रैल 2021 को लहरतारा स्थित कैंसर हॉस्पिटल के कोविड वार्ड में उन्हें भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान अनंत ने 24 अप्रैल को दम तोड़ दिया। उनका 10 साल का एक बेटा सौभाग्य है।

अब सरकार बयान से बदली, नई नियमावली बनाएगी
पंचायत चुनाव में कोरोना से मौत के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव को इस संबंध में तत्काल आदेश जारी करते हुए नियमावली बदलने के निर्देश दिया है। जिससे सभी मृतक परिजनों को मुआवजा और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।

सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि पंचायती राज विभाग समेत अन्य जिस भी विभाग से जुड़े लोग इसमें शामिल हों, गाइडलाइन तैयार करके नए संशोधित नियमावली बनाएं। पीड़ित परिवार के प्रति पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ सहयोग किया जाए। साभार-दैनिक भास्कर

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें। हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

हमारा गाजियाबाद के व्हाट्सअप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Exit mobile version