कभी थे नेशनल लेवल के चैंपियन बॉक्सर मगर आज ऑटो चलाने को मजबूर,सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

पढ़िए एबीपी न्यूज़  की ये खबर…

आज कल सोशल मीडिया के जरिए हमें ऐसे हज़ारों महान लोगों के बारे में जानकारियां प्राप्त हो रही हैं, जिन्हें लोग समय के साथ भूल जाते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही मन को भावुक कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक ऐसे व्यक्ति को देखा जा सकता है, जो राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज चैंपियन और NIS के क्वालीफाइड कोच आबिद खान को आज अपना परिवार चलाने के लिए ऑटो चलाना पड़ रहा है।

राष्ट्रीय लेवल की पूर्व बॉक्सर, जिन्हें मजबूरन चलाना पड़ा ऑटो

अपको बता दें कि आबिद (Abid) ने वर्ष 1988-89 में पटियाला के नेशनल खेल संस्थान से मुक्केबाजी में कोचिंग डिप्लोमा किए थे। डिप्लोमा पूरा होने के बाद, वह ट्रेनिंग प्रोफेशन में चले गए। वहां उन्होंने पांच साल के लिए सेना की टीमों को ट्रेनिंग दी। वह कहते हैं न कि इंसान का समय कब बदल जाए यह कोई नहीं जानता। एक समय ऐसा आया जब उन्हें अपने परिवार की देखभाल करने के लिए कोचिंग छोड़ कर ऑटो चलाना पड़ा।

आबिद की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है

सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें उन्होंने अपनी हालात के बारे में बताया कि कैसे उन्होंने अपनी प्रतिभा के बावजूद नौकरी हासिल करने में कितने मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि मैंने अपने बच्चों को खेलो में शामिल होने से मना कर दिया था, परंतु वह अभी भी कोच के रूप में काम करना चाहते हैं।

इस वीडियो के कैप्शन के मुताबिक, आबिद ने पंजाब (Punjab University) यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व किया था। इतना ही नहीं वह चंडीगढ़ (Chandigarh) के एसडी कॉलेज के विद्यार्थी भी थे। वह पहले एक झोपड़ी में रहते थे। आगे लिखा है कि खेलप्रेमी और प्रशासन में संबंधित व्यक्तियों से यह आग्रह है कि वह ऐसे प्रतिभावान व्यक्ति आबिद खान को एक बार फिर से मुख्यधारा की कोचिंग में भागीदारी लेने के लिए मदद करें।

नेटीजेंस (Netizens) ने इनकी कहानी से प्रेरित होकर कॉमेंट सेक्शन (comment section) में जाकर अपनी समर्थन जताया है। ऐसे ही एक youtube यूजर ने लिखा है कि यह देखकर बहुत दुख होता है कि किसी भारतीय खेल प्राधिकरण या चंडीगढ़ खेल विभाग को इस बॉक्सिंग कोच की मदद करने की जरूरत है। उसने यह भी लिखा है कि मैं इस वीडियो को खेल अधिकारियों तक पहुंचाऊंगा और मुझे पूरी उम्मीद है कि जल्द ही इसका कोई अच्छा परिणाम सामने आएगा।

आबिद जैसे ना जाने कितने प्रतिभावान व्यक्ति दुनिया के इस भीड़ में खो जाते हैं, पर लोगों को आबिद जैसे व्यक्ति के सपनों को साकार करने में मदद करनी चाहिए ताकि लोग अपने बच्चों को खेल की दुनिया में जाने से रोके नहीं।साभार-दी लॉजिकली

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

हमारा गाजियाबाद के व्हाट्सअप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करें

Exit mobile version