कोरोना के कहर के बीच वैक्सीन की डिमांड काफी बढ़ गई है. सरकार और कंपनियों पर वैक्सीन उत्पादन तेज करने का दबाव है और कुछ राज्यों का आरोप है कि केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें पर्याप्त वैक्सीन नहीं दिए जा रहे हैं.
देश में वैक्सीन की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ गई है. यहां तक कि कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी की शिकायत केंद्र सरकार से की है. इस पर राजनीति भी हो रही है. देश में वैक्सीन सेंटर पर लंबी-लंबी कतारें भी देखने को मिल रही है. सरकार और वैक्सीन निर्माताओं पर वैक्सीन प्रोडक्शन का दबाव बढ़ गया है. हालांकि सूत्रों की मानें तो इस बात के संकेत हैं कि वैक्सीन का प्रोडक्शन कुछ और सप्ताह तक नहीं बढ़ाया जाएगा. वर्तमान में वैक्सीन का प्रोडक्शन सीमित ही रहेगा. उम्मीद है कि अगले महीने से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक वैक्सीन निर्माण की अपनी क्षमता को बढ़ाएं.
सीरम इंस्टीट्यूट में सबसे अधिक प्रोडक्शन
सीरम इंस्टीट्यूट की वर्तमान क्षमता एक महीने में 6 से 8 करोड डोज वैक्सीन निर्माण की है. सीरम इंस्टीट्यूट को जनवरी-फरवरी 2021 से ही 10 करोड़ वैक्सीन प्रति महीने बनाने का लक्ष्य दिया गया था लेकिन अब तक इसका उत्पादन इस लक्ष्य तक नहीं पहुंचा है. संभावना है कि अगले महीने से सीरम इंस्टीट्यूट 10 करोड़ वैक्सीन बनाने लगे. सीरम इंस्टीट्यूट अब तक घरेलू इस्तेमाल के लिए 10 करोड़ डोज सप्लाई कर चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अगस्त तक 47 करोड़ डोज वैक्सीन की जरूरत पडेगी. सरकार सीरम इंस्टीट्यूट से इसका बड़ा हिस्सा सीरम को ही ऑर्डर देगी.
50 करोड़ सालाना वैक्सीन बनाएगा भारत बायोटेक
सीरम की तरह भारत बायोटेक भी अपने उत्पादन को दोगुना करना चाहता है. फिलहाल वह वैक्सीन की 2 लाख डोज रोजाना बनाता है जिसे अगले महीने तक 5 लाख करने की योजना है. इसके लिए बेंगलुरु संयंत्र में बहुत बड़ा बायो रिएक्टर लगाया गया है. इसकी क्षमता सालाना 20 करोड़ वैक्सीन बनाने की होगी. इस साल के अंत तक भारत बायोटेक हैदराबाद और बेंगलुरु में इस तरह के चार और संयंत्र लगाने की योजना बना रहा है, जिसकी सालाना क्षमता तब 70 करोड़ हो जाएगी. कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी इस साल के अंत तक 50 करोड़ सालाना वैक्सीन उत्पादन के अपने लक्ष्य को पा लेगा. साभार-एबीपी न्यूज़
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