Vehicle registration number अस्थाई पंजीयन चिह्न की व्यवस्था पहली अप्रैल से खत्म जारी हुई अधिसूचना। माह के अंत तक एनआईसी कर देगा व्यवस्था में तकनीकी बदलाव। दूसरे जिले में गाड़ी खरीदने पर अब टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं।
लखनऊ, [नीरज मिश्र]। प्रदेश के विभिन्न जिलों में खरीदे जाने वाले नए वाहनों के पंजीयन की अस्थाई व्यवस्था (टेंपरेरी रजिस्ट्रेशन) खत्म कर दी गई है। अब आवेदक को गाड़ी खरीदने पर सीधे स्थायी नंबर ही मिलेगा। इस संबंध में भारत सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर पहली अप्रैल से इसे लागू कर दिया गया है। एनआईसी इस संबंध में तैयारियां कर रहा है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इसी माह के अंत तक यह व्यवस्था सुचारु हो जाएगी। अधिसूचना के बाद परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने एनआईसी से पोर्टल में आवश्यक बदलाव करने को कहा गया है। इसमें प्रारूप 23 क के तहत वाहन स्वामी को इलेक्ट्रानिक रूप में पंजीयन चिह्न मिलेगा।
जानें क्या है टेंपरेरी रजिस्टे्रशन व्यवस्था
अभी तक अगर किसी जिले में नई गाड़ी खरीदी गई है और खरीदने वाला व्यक्ति दूसरे जिले का है तो उसे अस्थाई पंजीयन कराना होता है। इसकी अवधि करीब एक माह की होती है। इसके बाद गाड़ी मालिक को संबंधित अपने रिहाइशी जिले के आरटीओ कार्यालय से स्थायी रजिस्ट्रेशन लेना आवश्यक होता है। गाड़ी मालिक संबंधित जिले से एनओसी लेकर दोबारा स्थाई पंजीयन नंबर प्राप्त कर लेता है।
नई व्यवस्था लागू होते ही एक बार में ही स्थाई रजिस्ट्रेशन नंबर नया वाहन लेने वाले गाड़ी मालिक को मिल जाएगा। इससे वाहन स्वामी को बेवजह परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके पीछे मंशा है कि जब व्यवस्था ऑनलाइन है तो वाहन स्वामी की जानकारी सामने होती है। ऐसे में गाड़ी खरीदने वाला व्यक्ति बार-बार संभागीय परिवहन कार्यालय और डीलर के चक्कर न लगाए और उसे एक बार में ही नंबर प्राप्त हो जाए। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में खरीदे जाने वाले वाहनों में ही यह व्यवस्था खत्म की जा रही है।
‘इस संबंध में एनआईसी को बता दिया गया है। एनआईसी इसमें आवश्यक तकनीकी बदलाव कर रहा है। विभाग इसे तत्काल शुरू कराना चाहता है।- -धीरज साहू, परिवहन आयुक्त – साभार-दैनिक जागरण
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