अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क में बनने वाले इसके भूमिगत हिस्से के लिए दिल्ली वन विभाग के रिज प्रबंधन बोर्ड ने अपनी स्वीकृति दे दी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने इस कॉरिडोर को इस तरह तैयार किया है कि अब एक भी पेड़ काटने की जरूरत नहीं रह गई है।
नई दिल्ली। नई दिल्ली दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बाद अब दिल्ली-अलवर रूट पर भी रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ेगा। इस राह की आखिरी अड़चन भी दूर हो गई है। अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क में बनने वाले इसके भूमिगत हिस्से के लिए दिल्ली वन विभाग के रिज प्रबंधन बोर्ड ने अपनी स्वीकृति दे दी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने इस कॉरिडोर को इस तरह तैयार किया है कि अब एक भी पेड़ काटने की जरूरत नहीं रह गई है। गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर की परिवहन व्यवस्था को नया आयाम देने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर काम चल ही रहा है। दिल्ली से गुरुग्राम और रेवाड़ी होते हुए अलवर तक की लाइन को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली से लेकर अलवर तक की लाइन का कुल हिस्सा 164 किलोमीटर का है, लेकिन पहले चरण में शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़ (एसएनबी) तक 106 किलोमीटर में निर्माण होगा। इसमें से 70 किलोमीटर का हिस्सा जमीन के ऊपर यानी एलिवेटेड होगा, जबकि 36 किलोमीटर का हिस्सा भूमिगत रहेगा। भूमिगत हिस्से में से 3.65 किलोमीटर का हिस्सा मॉरफोलॉजिकल रिज का है और अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क के नीचे से गुजरता है। दिल्ली में यह कारिडोर 29 किलोमीटर लंबा होगा। दिल्ली के सराय काले खां से अलवर (Delhi-Alwar rapid rail project) के इस रूट से अलवर के सभी औद्योगिक क्षेत्र हाई स्पीड ट्रेन से जुड़ सकेंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट में 36 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें 60 प्रतिशत पैसा विदेशी कंपनियों का लगेगा, जबकि अन्य खर्चा दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा राज्य की तरफ से वहन किया जाएगा।
सौ-सौ वर्ग मीटर के बनाए जाने हैं सॉफ्ट
इस लाइन के लिए सौ-सौ मीटर के दो सॉफ्ट बनाए जाने हैं, ताकि हवा और रोशनी के लिए इंतजाम हो सके। पहले इसके लिए 145 पेड़ काटने की योजना थी, लेकिन विचार-विमर्श के बाद एनसीआरटीसी ने अब अपना डिजाइन ही ऐसा तैयार किया है कि सॉफ्ट ऐसी जगहों पर बनाए जाएंगे जहां पेड़ काटने की जरूरत नहीं होगी।
रिज प्रबंधन बोर्ड में मिली मंजूरी
रिज प्रबंधन बोर्ड की पिछली बैठक में एनसीआरटीसी के इस प्रस्ताव को रखा गया था। इसमें डिजाइन में बदलाव और 145 पेड़ों को काटने की जरूरत खत्म होने की बात भी कही गई। इसके बाद बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।
छोटे से जंगल में हैं बड़ी खूबियां
अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क के छोटे से जंगल में बड़ी खूबियां हैं। कुल 280 हेक्टेयर क्षेत्र में बसे इस पार्क में पेड़-पौधों की 981 प्रजातियां हैं, जबकि यहां पर 209 किस्म के पक्षियों की साइटिंग होती रहती है। तितलियों की 113 और स्तनपायी जीवों की 19 प्रजातियां यहां पर पाई जाती हैं, इसलिए यहां की हरियाली को जैव-विविधता के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
आरआरटीएस को जानें
- इस रूट पर 8 से 10 मिनट में रैपिड रेल का संचालन होगा। इसमें बिजनेस क्लास वर्क के लिए अलग से व्यवस्था रहेगी।
- यह पहला ऐसा रूट है, जिसके लिए विदेशी कंपनियां आगे आईं हैं।
- दिल्ली गुडगांव शाजापुर नीमराना बहरोड़ 107 किलोमीटर
- सोतानाला 35 किलोमीटर और फेज 3 में एसएमबी से अलवर 58 किलोमीटर का रहेगा
- इस रूट पर दो डिपो होंगे
- एक डिपो धारूहेड़ा और दूसरा अलवर में होगा
- इन डिपो पर ट्रेन के रखरखाव का कार्य भी किया जाएगा
इस रूट में होंगे ये स्टेशन
- निजामुद्दीन
- सराय काले खां
- उद्योग विहार
- गुड़गांव सेक्टर 17
- राजीव चौक
- मानेसर
- बिलासपुर
- चौकठ
- रेवाड़ी
- बावल
- शाहजहांपुर
- नीमराना
- सोतानाला
- खैरथल
- अलवर
साभार-दैनिक जागरण
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