स्टील टूल्स एंड हार्डवेयर ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव बलदेव गुप्ता ने कहा कि जो लोहा पहले 40 रुपये प्रति किलो में मिल जाता था वह अब 69 रुपये किलो तक में उन्हें उपलब्ध है। चिंताजनक बात यह कि सभी कंपनियां गठजोड़ कर एक साथ दाम बढ़ा रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोहा, सरिया, एंगल, आयरन शीट व स्टील के दामों में भारी उछाल से हार्डवेयर उद्योग मुश्किल में पड़ गया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली समेत देशभर के प्रमुख बाजारों में आयरन-स्टील कच्चे माल का भाव 10,000 रुपये प्रति टन तक बढ़ गया है। इससे छोटे उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। पहली अप्रैल से कच्चा माल देने वाली बड़ी औद्योगिक इकाइयों ने माल के दाम बढ़ा दिए हैं। सरकारी ऑर्डर से जुड़े उद्यमियों की दिक्कत और अधिक है। इसकी वजह यह है कि जिस दर पर उन्होंने सप्लाई का ऑर्डर लिया है, डिलिवरी उसी रेट पर देनी होगी।
स्टील टूल्स एंड हार्डवेयर ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव बलदेव गुप्ता ने कहा कि जो लोहा पहले 40 रुपये प्रति किलो में मिल जाता था, वह अब 69 रुपये किलो तक में उन्हें उपलब्ध है। चिंताजनक बात यह कि सभी कंपनियां गठजोड़ कर एक साथ दाम बढ़ा रही है। इसका असर यह है कि छोटी कंपनियों का कारोबार इस कोरोना और दाम वृद्धि के कारण 30 से 40 फीसद तक प्रभावित है। कानपुर में लघु उद्योग भारती के प्रेसिडेंट हरेंद्र मूरजानी ने कहा कि एमएसएमई बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। एक बार ऑर्डर के बाद सरकारी दाम नहीं बढ़ते हैं। ऐसे में उत्पाद बनाने के लिए कच्चा माल जुटाना मुश्किल हो रहा है।
आगरा के डीजल पंप सेट और जनरेटर पार्ट्स कारोबार पर दाम बढ़ने का बड़ा असर दिखा है। इस बाजार में पिछले दो माह के दौरान कच्चे माल की कीमत में 35 फीसद तक की तेजी आ गई है। स्टील के दाम में 20 रुपये तो लोहे के दाम में 15 रुपये किलो तक की बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा कॉपर के दाम बढ़े हैं। इसमे 300 रुपये किलो तक की तेजी है। पेट्रोल-डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो गया। इसी तरह अलीगढ़ में ताला-हार्डवेयर व पीतल के मूर्ति निर्माण का पारंपरिक कारोबार है। देश-दुनिया के बाजारों में चमक बिखेरने वाले इस कारोबार पर संकट गहरा गया है। एक महीने में कच्चे माल की कीमतों में 20 से 40 फीसद तक बढ़ोतरी हुई है।
उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता के मुताबिक कच्चा माल महंगा होने के कारण सरिया के दामों में बहुत तेज उछाल है। हाल यह है कि तीन माह पहले 4,800 रुपये क्विंटल बिक रही सरिया अब 6,000 रुपये क्विंटल तक पहुंच गई है। अभी इसमें राहत के आसार नहीं हैं।साभार-दैनिक जागरण
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