निर्मल सिंह मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ वर्मी कम्पोस्ट के स्टार्टअप से हर महीने लाख रु. कमा रहे; आप भी कर सकते हैं शुरुआत

पढ़िए दैनिक भास्कर की ये खबर…

वर्मी कम्पोस्ट या केंचुआ खाद के बारे में आपने जरूर सुना होगा। हाल के कुछ सालों में इसकी डिमांड बढ़ी है। ज्यादातर किसान केमिकल फर्टिलाइजर को छोड़कर ऑर्गेनिक खेती की तरफ रुख कर रहे हैं। ये किसान वर्मी कम्पोस्ट का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। वर्मी कंपोस्ट फसलों के लिए तो अच्छा है ही, साथ ही अब यह करियर ग्रोथ में भी अहम भूमिका निभा रहा है। कई लोग बड़ी-बड़ी नौकरियां छोड़कर इस सेक्टर में आ रहे हैं।

ऐसे ही एक युवा एंटरप्रेन्योर हैं हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले निर्मल सिंह सिद्धू। वे एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। तीन साल तक मल्टीनेशल कंपनी में जॉब भी किया, लेकिन अब वे वर्मी कम्पोस्ट का बिजनेस कर रहे हैं। दो साल पहले करनाल से शुरू हुआ उनका बिजनेस आज धीरे-धीरे देशभर में फैल रहा है। अभी वे हर महीने इससे एक लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं।

33 साल के निर्मल सिंह बताते हैं कि इंजीनियरिंग के बाद कुछ सालों तक जॉब के लिए अप्लाई किया, लेकिन मनपसंद नौकरी नहीं मिली। चूंकि फैमिली बैकग्राउंड खेती का था, तो मैंने भी तय किया कि इधर-उधर भटकने से बेहतर है कि खुद की खेती संभाली जाए। तीन से चार साल तक मैंने खेती की। हालांकि यहां भी मैंने जितना सोचा था, उतना बढ़िया रिस्पॉन्स नहीं मिला। मंडियों के चक्कर काटने में मेरा वक्त निकल जाता था। मेरे प्रोडक्ट के सही दाम भी नहीं मिल रहे थे।

इसके बाद खेती से भी मेरा मन भर गया। और फिर से नौकरी की तलाश करने लगा। इसके बाद 2016 में एक मल्टीनेशनल कंपनी में मेरी नौकरी लग गई। यहां अच्छी-खासी सैलरी थी। हालांकि मैं अक्सर सोचते रहता था कि कुछ अपना शुरू किया जाए। इसके बाद 2019 में गांव लौट गया और वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम करने लगा।

मेरठ से केंचुआ लाया, ट्रेनिंग ली फिर शुरुआत की

निर्मल सिंह ने कुछ इंटरनेट के जरिये तो कुछ एक्सपर्ट से मिलकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने के बारे में जानकारी जुटाई। इसके बाद मेरठ के एक किसान से उन्होंने केंचुआ खरीदा और दो-चार बेड के साथ इसकी शुरुआत की। कुछ ही महीनों में इसके अच्छे रिजल्ट देखने को मिलने लगे। इसके बाद उन्होंने बेडों की संख्या बढ़ानी शुरू की। अभी उनके पास आधा एकड़ जमीन में 100 से ज्यादा बेड हैं। आने वाले दिनों में वे बेडों की संख्या 200 से आगे ले जाने वाले हैं।

निर्मल बताते हैं कि अभी हर महीने 300 क्विंटल खाद हम तैयार कर रहे हैं। जिसे हम हरियाणा के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी सप्लाई कर रहे हैं। कई लोग ऑनलाइन मीडियम से भी ऑर्डर करते हैं। खाद के साथ ही मैं केंचुए का भी बिजनेस कर रहा हूं। इससे भी अच्छी कमाई हो जाती है।

बेड की लंबाई कितनी हो, गोबर और केंचुए का अनुपात क्या होना चाहिए?

इसके लिए कोई तय पैरामीटर नहीं है। किसान अपनी जरूरत के हिसाब से बेड की लंबाई रख सकता है, लेकिन उसे ध्यान रखना होगा कि उसी अनुपात में उसके पास मटेरियल भी होना चाहिए। अमूमन एक फिट लंबे बेड के लिए 50 किलो गोबर की जरूरत होती है। अगर हम 30 फीट लंबा बेड बना रहे हैं तो हमें 1500 किलो गोबर और 30 किलो केंचुआ चाहिए।

अगर आपके पास गोबर की उपलब्धता कम है, तो आप 30 फीसदी गोबर और बाकी घासफूस या ऐसी कोई भी चीज मिला सकते हैं, जो आसानी से सड़ सके। एक फुट के बेड के लिए एक किलो केंचुए की जरूरत होती है। अगर केंचुआ कम होगा, तो खाद तैयार होने में वक्त ज्यादा लगेगा। पर्याप्त तौर पर सभी चीजें मिलाने के बाद 30 फीट लंबे बेड से खाद बनने में एक महीने का वक्त लगता है। वर्मी कम्पोस्ट बनने के बाद ऊपर से खाद निकाल ली जाती है और नीचे जो बचता है, उसमें केंचुए होते हैं। वहां से जरूरत के हिसाब से केंचुए निकालकर दूसरे बेड पर डाले जा सकते हैं। ऐसा करने से बार-बार केंचुआ खरीदने की जरूरत नहीं होती है।

केंचुए की कई प्रजातियां होती हैं। जिनका अलग-अलग प्रोडक्शन रेट रहता है। निर्मल जिस केंचुए का इस्तेमाल करते हैं वो ऑस्ट्रेलियाई आइसोनिया फेटिडा है। यह एक दिन में एक किलो गोबर खाता है और वह डबल भी हो जाता है। यानी जो लोग खाद के साथ केंचुए का बिजनेस करना चाहते हैं, उनके लिए यह बेहतर विकल्प है।

कहां ले सकते हैं ट्रेनिंग, कहां से खरीदें केंचुआ?

निर्मल सिंह खुद भी वर्मी कम्पोस्ट बनाने की ट्रेनिंग मुफ्त में देते हैं। उनकी तरह देश के दूसरे हिस्सों में भी कई किसान इसकी ट्रेनिंग देते हैं। इसके साथ ही नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से भी इसके बारे में जानकारी ली जा सकती है। शुरुआती तौर पर खाद तैयार करने वाले से या कृषि विज्ञान केंद्र से भी बहुत ही कम कीमत पर केंचुए की खरीदी आप कर सकते हैं।

कम लागत में ज्यादा मुनाफा कैसे कमाएं?

निर्मल केंचुआ खाद बनाने के साथ-साथ किसानों को खाद बनाने की ट्रेनिंग भी देते हैं। इसके लिए वे किसी से कोई चार्ज नहीं लेते हैं। जो किसान इसका बिजनेस शुरू करना चाहता है तो उसे वे केंचुआ उपलब्ध भी कराते हैं। हां, अगर कोई बल्क में लेना चाहता है तो उससे वे चार्ज लेते हैं। उनके मुताबिक वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए बहुत ज्यादा लागत की जरूरत नहीं होती है। बहुत कम लागत से इसकी शुरुआत की जा सकती है। उनके मुताबिक पहले एक बेड से शुरुआत करनी चाहिए। वो बेड तैयार हो जाए, तो उसी के केंचुए से दूसरी और फिर ऐसे करके तीसरी, चौथी बेड तैयार करनी चाहिए। साभार-दैनिक भास्कर

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

हमारा गाजियाबाद के व्हाट्सअप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करें

Exit mobile version