अंतरिक्ष में कुछ अनोखा होने वाला है, एक तारा महाविस्‍फोट के बाद सूर्य से एक अरब गुना अधिक ऊर्जा उत्पन्न करेगा

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बेटेलजूज अंतरिक्ष का वह विशाल तारा है जिसे हम महाविस्फोट यानी सूपरनोवा होते देख सकेंगे। विस्फोट के बाद इसकी चमक दिन में भी आंखों को चौंधिया देगी। अभी इसकी चमक घट-बढ़ रही है। असल में यह मृत्यु की ओर अग्रसर है।

असंख्‍य रहस्‍यों को खुद में समेटे अंतरिक्ष में एक अनोखी घटना होने जा रही है। पूरा ब्रम्‍हांड एक तारे के महाविस्‍फोट से चमक उठेगा। गैलेक्‍सी की ये घटना ब्रम्‍हांड में रुचि रखने वाले और विज्ञानियों के लिए बेहद खास होने जा रही है। इस सुपरनोवा यानी महाविस्‍फोट की चमक हम लोग भी देख सकेंगे। हालांकि यह घटना कब होने जा रही है, इसे निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है।

बेटेलजूज अंतरिक्ष का वह विशाल तारा है, जिसे हम महाविस्फोट यानी सूपरनोवा होते देख सकेंगे। विस्फोट के बाद इसकी चमक दिन में भी आंखों को चौंधिया देगी। अभी इसकी चमक घट-बढ़ रही है। असल में यह मृत्यु की ओर अग्रसर है। तारों पर अध्ययन करने वाले एरीज के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय का मानना है कि बेटेलजूज का विस्फोट सूपरनोवा के कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा। इस कारण यह विज्ञानियों के आकर्षण का केंद्र है।

डा. पांडेय ने बताया कि यह हमसे करीब 642 प्रकाश वर्ष दूर है। इसकी उम्र करीब 85 लाख साल मानी जा रही है। इसका कोर सिकुड़ता जा रहा है। यह अपना आउटर लेयर खोता जा रहा है। इसमें जब विस्फोट होगा तो यह सूर्य से एक अरब गुना अधिक ऊर्जा उत्पन्न करेगा। तब इसकी चमक देखने लायक होगी। यह विस्फोट कब होगा, इस बारे में सटीक पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। असल में कोई भी तारा हमसे जितनी दूर होगा उसकी रोशनी उतनी ही वर्ष बाद हम तक पहुंचेगी। यह भी संभव है कि इस तारे की मृत्यु हो चुकी हो।

इस कारण नासा समेत दुनिया की दूरबीनें इस पर नजर रखी हुई हैं। बेटेलजूज रेड जाएंट स्टार है जो लाल रंग का दिखाई देता है। कभी यह हमारे आसमान के दस सबसे अधिक चमकीले तारों मे शामिल था। मगर अपनी चमक खोने के बाद इस श्रेणी से बाहर हो चुका है। असल में सूपरनोवा की घटनाएं सदियों बाद हुआ करती हैं। इस दुर्लभ घटना को अपनी आंखों से देखने के लिए विज्ञानियों को बेसब्री से इंतजार है।

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