8346 करोड़ की लागत से तैयार हुए एक्सप्रेस-वे के चार चरणों की डिजायन लंबाई 85 किलोमीटर व वर्तमान लंबाई 82 किलोमीटर है। दिल्ली के निजामुद्दीन से यूपी गेट यूपी गेट से डासना और डासना से मेरठ तक के मुख्य तीन चरणों की लंबाई 60.4 किलोमीटर है।
गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर बृहस्पतिवार सुबह सात बजे से वाहन विधिवत फर्राटा भरेंगे। दिल्ली से मेरठ का 60.4 किमी का सफर इस एक्सप्रेस-वे से 45 मिनट में पूरा होगा। हालांकि बुधवार को भी वाहनों का आवागमन जारी रहा। बृहस्पतिवार को एक्सप्रेस-वे पर करीब पचास हजार वाहनों के आवागमन का अनुमान है। दरें तय न होने की वजह से फिलहाल टोल नहीं वसूला जाएगा।
इस तरह वसूला जाएगा टोल
टोल वसूलने के लिए आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर सिस्टम (एएनपीआर) का इस्तेमाल करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। 8,346 करोड़ की लागत से तैयार हुए एक्सप्रेस-वे के चार चरणों की डिजायन लंबाई 85 किलोमीटर व वर्तमान लंबाई 82 किलोमीटर है। दिल्ली के निजामुद्दीन से यूपी गेट, यूपी गेट से डासना और डासना से मेरठ तक के मुख्य तीन चरणों की लंबाई 60.4 किलोमीटर है। इस हिसाब से दिल्ली से मेरठ तक का सफर अब मात्र 45 मिनट में पूरा होगा। डासना से हापुड़ बाइपास के तीसरे चरण को भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा माना गया है। इसकी लंबाई 21 किलोमीटर है।
इसलिए है सुरक्षित और सुगम सफर
निर्माण कार्यों का विवरण
चरण अंडरपास आरओबी एफओबी लाइट्स सीसीटीवी
पहला 6 5 4 1900 5
दूसरा 17 4 4 1764 144
तीसरा 12 10 0 630 30
चौथा 55 19 0 580 18
कुल लंबाई- 82 किलोमीटर
कुल लागत-8,346 करोड़
सिविल कार्य लागत-4,974 करोड़
जमीन अधिग्रहण की लागत- 1962 करोड़
सुविधाओं पर लागत-679 करोड़
कुल चौड़ाई- छह लेन एक्सप्रेस-वे एवं आठ लेन 4-4 दोनों तरफ एनएच-9
एक्सप्रेस-वे के चारों हिस्सों का पूरा विवरण
चरण लंबाई किमी कहां से कहां तक लागत करोड़ में वर्तमान स्थिति
पहला 8.360 निजामुद्दीन से यूपी गेट 841 चालू हो गया है
दूसरा 19.380 यूपी गेट से डासना 1989 चालू हो गया है
तीसरा 22.270 डासना से हापुड़ 1057 चालू हो गया है
चौथा 31.770 डासना से मेरठ 1087 चालू हो गया
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को एक अप्रैल से मेरठ तक वाहनों के लिए खोला जा रहा है। पहले दिन से ही पचास हजार वाहनों का अनुमान है जो भविष्य में एक लाख तक पहुंच जाएगी। अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित एएनपीआर सिस्टम के जरिए टोल वसूली होगी। आपातकाल में मदद के लिए इमरजेंसी काल बाक्स लगाए गए हैं। वाहनों की स्पीड नियंत्रण के लिए भी कैमरे लगाए गए हैं।साभार-दैनिक जागरण
मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक एनएचएआइ
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