पढ़िए दैनिक जागरण की ये खबर…
लोनी: राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट ने स्थानीय पुलिस के साथ मंगलवार देर रात लक्ष्मी नगर कालोनी के एक मकान में छापेमारी की। यहां से बंगाल और झारखंड की चार किशोरी और 14 महिलाओं को मुक्त कराया। किशोरियों ने प्लेसमेंट एजेंसी संचालक पर मारपीट और अभद्रता के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने मौके से मुक्त कराई किशोरियों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपित उन्हें बेचने की फिराक में लाया था। प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी अतुल सोनकर ने बताया कि दो दिन पूर्व एक अज्ञात व्यक्ति ने मिशन मुक्ति फाउंडेशन के पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह को काल किया था। उसने बताया कि बंगाल से कुछ महिलाओं को लाकर लोनी के एक स्थान पर बंधक बनाया हुआ है। काल करने वाले ने बताया कि उसकी एक जानकार महिला को भी बंधक बनाया गया है। कालर द्वारा बताए महिला के नंबर को पुलिस ने सर्विलांस पर लगाया तो उसकी लोकेशन लोनी में मिली। इसके बाद मंगलवार देर रात राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो व पुलिस टीम ने लोनी के लक्ष्मी नगर के एक मकान में छापेमारी की। यहां दो कमरों में चार किशोरियों और 14 महिलाओं को बंधक बनाकर रखा गया था। बाल संरक्षण आयोग, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट और समाज सेवी संस्थाओं ने मिलकर सभी को बंधनमुक्त कराया।
नौकरी दिलाने के नाम पर लाया गया: बंधन मुक्त करवाई गई किशोरी और महिलाएं पश्चिमी बंगाल के चिलौनी, जलपाईगुड़ी और झारखंड के रांची से लाई गई हैं। प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाला संतोष श्रीवास्तव ही उन्हें वहां से लेकर आया था। वह लक्ष्मी गार्डन का ही रहने वाला है। उसने सभी को मकान में बंदकर रखा था। किशोरियों और महिलाओं ने बताया कि चार माह पहले उन्हें यहां लाना शुरू किया गया था। एक-एक कर उन्हें इस मकान में लाकर बंद किया गया। उन्हें कहा जाता था कि जल्द ही नौकरी लगवा दी जाएगी। अगर वे घर जाने की बात कहतीं तो प्लेसमेंट एजेंसी संचालक उनसे मारपीट और अभद्रता करता था। कुछ महिलाओं को आसपास के इलाकों में घरों में काम करवाने ले जाया गया। उसके पैसे भी नहीं दिए गए।
आरोपित भेजा गया जेल, साथियों की तलाश जारी: पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया कि मिशन मुक्ति फाउंडेशन की तहरीर पर आरोपित के खिलाफ बालश्रम, मानव तस्करी, अवैध रूप से बंधक बनाने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान बरामद किशोरियों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया गया है। महिलाओं के बयान दर्ज कर स्वजन को सूचना दी गई है। जबकि कुछ महिलाओं को उनके पति के सुपुर्द कर दिया गया है। कार्रवाई के दौरान रेस्क्यू फाउंडेशन के डायरेक्टर अशोक, पल्लवी घोष, एंटी हयूमन ट्रैफिकिग यूनिट के अधिकारी बृज मोहन सिंह, चाइल्ड केयर समिति गाजियाबाद के संजय कुमार मौजूद रहे।साभार-दैनिक जागरण
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