अनुवादक की गलती से सउदी अरब में हिन्दू व्यक्ति का शव मुस्लिम रीति-रिवाज से दफनाया, पति का शव भारत वापस लाने को HC पहुंची पत्नी

सउदी अरब में एक भारतीय हिंदू की मौत के बाद उन्हें मुस्लिम रीति-रिवाज से दफना दिया गया। अब मृतक की पत्नी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने पति का शव वापस भारत लाने की मांग की है। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विदेश मंत्रालय के उप सचिव को तलब किया है। दरअसल, भारतीय कॉन्सुलेट में अनुवादक की गलती की वजह से हिंदू के शव को मुस्लिम समझकर दफना दिया गया था।

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि यह न सिर्फ गंभीर मसला है बल्कि दुखद भी है। उन्होंने इस मामले में सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी को पेश होकर स्थिति स्पष्ट करने और मामले में उठाए जा रहे कदमों की उचित और सही जानकारी देने को कहा है। कोर्ट ने इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के उप सचिव को मामले की अलगी सुनवाई 18 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश होने का निर्देश दिया है। साथ ही स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है। हाईकोर्ट ने मृतक संजीव कुमार की पत्नी अंजू शर्मा की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है।

उन्होंने याचिका में हाईकोर्ट से केंद्र सरकार को उनके पति के शव (अवशेषों) को वापस लाने का आदेश देने की मांग की है। महिला ने याचिका में आरोप लगाया है कि भारत के कॉन्सुलेट जनरल ने फारसी में लिखें पत्र को गलत ढंग से अनुवाद कर दिया, जिसकी वजह से उनके पति को सउदी अरब में मुस्लिम रीति-रिवाज से दफना दिया गया। याचिका में अंजू शर्मा ने कहा कि वह अपने पति के शव को वापस लाना चाहती हैं ताकि उनका हिंदू रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया जा सके।

हार्ट अटैक से हुई संजीव की मौत 

हाईकोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक, संजीव की मौत 24 जनवरी, 2021 को हार्ट अटैक की वजह से हुई थी। याचिका के अनुसार, डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीड़ित संजीव की मौत हार्ट अटैक से होने के बाद उनके शव को जिजान के एक अस्पताल में रखा गया। महिला ने कहा कि उन्होंने अपने पति के शव को स्वदेश लाने की जब सारी औपचारिकताएं पूरी कर लीं तब उन्हें पता चला कि शव मुस्लिम रीति-रिवाज से कब्र में दफना दिया गया है। महिला ने हाईकोर्ट को बताया है कि भारतीय कॉन्सुलेट ने जानकारी दी कि आधिकारिक अनुवादक ने संजीव के मृत्यु प्रमाण-पत्र में गलती से मुस्लिम लिख दिया, जिसके कारण शव को कब्र में दफन कर दिया गया।

महिला ने याचिका में कहा है कि उन्होंने जेद्दाह स्थित भारतीय कॉन्सुलेट के अधिकारियों से उनके पति की अस्थियां कब्र से बाहर निकालने की मांग की, लेकिन सात हफ्ते बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। महिला ने कहा कि ऐसे में सरकार एवं विदेश मंत्रालय को उनके पति के शव के अवशेषों को वापस भारत लाने के आदेश दिए जाएं।साभार-हिन्दुस्तान न्यूज़

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