Ghaziabad news: बिल्डर के जाल में फंसे हैं 3000 से ज्यादा खरीददार, नोएडा नंबर वन तो दूसरे नंबर पर गाजियाबाद

यूपी रेरा (UP RERA) के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अभी तक 3 हजार 161 आरसी (RC to Builders) जारी की जा चुकी है। इसमें 1849 आरसी नोएडा (Noida news) के बिल्डरों को ही जारी हुई है। 426 आरसी गाजियाबाद (Ghaziabad news) व 739 आरसी लखनऊ (Lucknow news) के बिल्डरों को जारी हुई है

हाइलाइट्स:

गाजियाबाद
दिल्ली-एनसीआर में बिल्डरों की मनमानी और फ्लैट के लिए खरीदारों का चक्कर लगाना बड़ी समस्या है। बिल्डर के जाल में फंसकर निवेशक दर-दर की ठोकरें खाता है। पिछले दिनों रेरा की तरफ से एक आंकड़ा जारी किया गया, जिससे यह पता चला कि बिल्डर्स ने घर खरीदारों के खून-पसीने की कमाई को लेकर जमकर खेल किया है।

बिल्डरों द्वारा इस तरह की गड़बड़ी के मामले में गाजियाबाद का प्रदेश में तीसरा स्थान है, जबकि नोएडा का पहला स्थान है। दूसरे नंबर पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है। निवेशकों को बिल्डर्स के चंगुल से निकालने के लिए रेरा का गठन किया गया। इसके अलावा प्रदेश सरकार की तरफ से मंत्री समूह का भी गठन किया गया था। लेकिन लोगों को इसका बहुत अधिक फायदा नहीं मिल रहा है। आज भी निवेशक बिल्डर से पैसा हासिल करने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है।

3,161 आरसी जारी कर चुका रेरा
यूपी रेरा के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अभी तक 3 हजार 161 आरसी जारी की जा चुकी है। इसमें 1849 आरसी नोएडा के बिल्डरों को ही जारी हुई है। 426 आरसी गाजियाबाद व 739 आरसी लखनऊ के बिल्डरों को जारी हुई है। जबकि 147 आरसी प्रदेश के दूसरे जिले के बिल्डरों को जारी गई है।

लोगों को नहीं मिल रहा फायदा

रेरा की तरफ से बिल्डर को जरूर आरसी जारी की जा रही है, लेकिन इसका फायदा खरीदारों को नहीं मिल रहा है। जिसकी वजह से निवेशक कभी डीएम ऑफिस तो कभी हाईकोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। राजनगर एक्सटेंशन की रेड एप्पल रेजिडेंसी के मामले में कई बायर्स के मामले को देखते हुए एक साल पहले बिल्डर को आरसी जारी की गई। लेकिन अभी तक निवेशकों को एक भी पैसा नहीं मिला है। ऐसे ही कई अन्य मामले हैं, जबकि रेरा के अधिकारियों का कहना है कि डीएम को लगातार इस संबंध में कहा जाता है कि आरसी के मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए बायर्स के पैसे की रिकवरी की जाए।

10 फीसदी रिकवरी भी मुश्किल
रेरा द्वारा जारी की गई आरसी को देखा जाए तो उसके अपेक्षा रिकवरी रेट दस फीसदी भी नहीं है। गाजियाबाद में कुल 426 आरसी में से 30 में पूरी व 97 में आंशिक वसूली की गई। यहां भी 299 मामलों में एक रुपये की भी वसूली नहीं हो पाई है। नोएडा के मामले में भी यही हाल है। लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा से कुल 881 करोड़ रुपये की रिकवरी होनी है, जबकि अभी तक करीब 90 करोड़ रुपये की रिकवरी हो सकी है। साभार- NBT नवभारत टाइम्स

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version