प्रमुख सचिव (आवास) दीपक कुमार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि 1 अप्रैल 2020 को एसबीआई द्वारा जो ब्याज लिया गया होगा, उससे एक फीसदी अधिक ब्याज प्राधिकरण द्वारा लिया जाएगा
गाजियाबाद। हर तरफ से पड़ रही महंगाई की मार के बीच शासन ने जीडीए समेत प्रदेश की अन्य सभी अथॉरिटी (नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना अथॉरिटी को छोड़कर) के आवंटियों को राहत दी है। फ्लैट व प्लॉट के लिए प्राधिकरण को दी जाने वाली ब्याज में करीब 2 फीसदी की छूट दी गई है। साथ ही डिफॉल्टर होने की स्थिति में लगने वाले चक्रवृद्धि ब्याज में भी एक फीसदी की छूट दी गई है। यह राहत दो साल के लिए लागू रहेगी।
शासन के इस फैसले से जीडीए के हजारों आवंटियों को सीधे फायदा होगा। नियमित रूप से किस्त देने वालों के साथ ही डिफॉल्टर आवंटियों को भी राहत मिल जाएगी। शासन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की अलग-अलग प्राधिकरण में ब्याज दरों में काफी विषमता है। इसमें कोविड काल को देखते हुए एकरूपता लाने के लिए ब्याज दर को कम किया जाएगा।
इस आदेश के लागू होने के बाद प्रदेश के सभी प्राधिकरण की ब्याज की दर एक सामान हो जाएगी। जीडीए वरिष्ठ संपत्ति अधिकारी सी.बी. त्रिपाठी ने बताया कि शासन की तरफ से ब्याज में दिए गए छूट के शासनादेश को बोर्ड से पास करके लागू कर दिया जाएगा।
यउ जारी हुआ है आदेश
प्रमुख सचिव (आवास) दीपक कुमार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि 1 अप्रैल 2020 को एसबीआई द्वारा जो ब्याज लिया गया होगा, उससे एक फीसदी अधिक ब्याज प्राधिकरण द्वारा लिया जाएगा। अधिकारी बताते हैं कि 1 अप्रैल को एसबीआई की ब्याज दर 7.50 फीसदी के करीब थी। इसमें एक फीसदी बढ़ाने पर यह साढ़े आठ फीसदी हो जाएगा। वहीं नए आदेश के तहत चक्रवृद्धि ब्याज में जीडीए अभी तक 3 फीसदी चार्ज करता है। यह घटकर अब 2 फीसदी हो जाएगा।
10 लाख पर सालाना 13 हजार की बचत
जीडीए के अधिकारियों ने बताया कि यदि किसी आवंटी को जीडीए को 10 लाख रुपये दस साल में देना है तो उसे वर्तमान रेट के हिसाब से हर महीने 13500 रुपये की किस्त देनी होगी। जबकि 2 फीसदी की छूट मिलने पर यह ईएमआई 12400 रुपये हर महीने होगी। इससे सालाना 13200 रुपये की बचत होगी, जबकि कमर्शल और ग्रुप हाउसिंग वाले मामले में इससे अधिक राहत मिलेगी।
8 हजार के करीब है डिफॉल्टर
जानकारी के अनुसार, अलग-अलग योजनाओं में जीडीए के आठ हजार से अधिक डिफॉल्टर हैं। इन पर 500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इसमें ग्रुप हाउसिंग, कमर्शल प्लॉट, आवासीय भूखंड, फ्लैट लेने वाले आवंटी शामिल हैं। इस शासनादेश का इन लोगों को सीधे फायदा मिलेगा।साभार-नवभारत टाइम्स
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