- रूस की 23 वर्षीय क्रिस्टीना कहती हैं, 10 बच्चों के बाद भी वो रुकने वाली नहीं हैं
- 10 महीने में सरोगेसी से 10 बच्चों की डिलीवरी हुई, पहला बच्चा 10 मार्च 2020 को हुआ
रूस की क्रिस्टिना ओज्टर्क 23 साल की उम्र में 11 बच्चों की मां बन चुकी हैं। पहले बच्चे की डिलीवरी 17 साल की उम्र में हुई थी। पिछले 10 महीने में अन्य 10 बच्चों की डिलीवरी सरोगेसी के जरिए हुई है। क्रिस्टिना के पति गैलिप ओज्टर्क चाहते हैं, उनके 105 बच्चे हों। क्रिस्टीना कहती हैं कि मालूम नहीं कितने बच्चे होंगे, लेकिन हम लोग 10 बच्चों के बाद भी रुकने वाले नहीं हैं।
सरोगेसी से 10वें बच्चे का जन्म 16 जनवरी को हुआ
क्रिस्टीना मॉस्को की रहने वाली हैं और 56 वर्षीय पति गैलिप एक बिजनेसमैन हैं। वह कहती हैं, हम यह देखना चाहते थे कि सरोगेसी के जरिए अधिक से अधिक कितने बच्चे किए जा सकते हैं। प्लानिंग के बाद सरोगेसी से होने वाला पहला बच्चा मुस्तफा था। उसका जन्म 10 मार्च, 2020 को हुआ और 10वीं बच्ची ओलिविया की डिलीवरी 16 जनवरी, 2021 को हुई।
सिंगल मदर क्रिस्टीना को जॉर्जिया टूर पर हुआ प्यार
क्रिस्टीना कहती हैं, सभी 10 बच्चों की देखरेख के लिए अलग-अलग डायरी बनाई गई हैं। ये शाम 8 से सुबह 6 बजे तक सोते हैं। इनकी देखभाल करने वाली नैनी बच्चे से जुड़ी हर बात डायरी में लिखती है।
क्रिस्टीना सिंगल मदर थीं। 6 साल पहले उन्होंने अपनी बेटी को जन्म दिया था। कुछ सालों बाद हॉलीडे के लिए जॉर्जिया गई थीं। इस दौरान उनकी मुलाकात गैलिप से हुई और प्यार हो गया। गैलिप कहते हैं, क्रिस्टीना हंसमुख भी हैं और थोड़ी शर्मीली भी। मुझे उनकी यही खूबी पसंद आई।
क्रिस्टीना का कहना है, गैलिप से प्यार होने के बाद मैं अपनी बेटी को लेकर उन्हीं के साथ रहने लगी। उनके पहले से कई बच्चे हैं, लेकिन मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं थी। हम दोनों ने तय किया कि कई बच्चे प्लान करेंगे। इस तरह सरोगेसी से पेरेंट्स बनने की शुरुआत हुई।
क्या है सरोगेसी जो जॉर्जिया में 1997 से लागू है
सरोगेसी एक महिला और एक दंपति के बीच का एक एग्रीमेंट होता है, जो अपना खुद का बच्चा चाहता है। सामान्य शब्दों में कहें तो सरोगेसी का मतलब है कि बच्चे के जन्म तक एक महिला की किराए की कोख। जो महिला किसी और दंपति के बच्चे को अपनी कोख से जन्म देने को तैयार हो जाती है उसे ही सरोगेट मदर के नाम से जाना जाता है।
जॉर्जिया में 1997 से सरोगेसी लागू है। क्रिस्टीना के मुताबिक, इस प्रक्रिया से एक बच्चे की डिलीवरी में 7 लाख रुपए लगे हैं।
बच्चे के लिए ऐसे होता है मां का चुनाव
क्रिस्टीना कहती हैं, जिस क्लीनिक की मदद से हम पेरेंट्स बने हैं वो हमारे के लिए महिला का चुनाव करता है। कानूनी प्रक्रिया के बाद वो महिला हमारे बच्चे की मां बनती है। हम उस महिला से सम्पर्क में नहीं रहते, लेकिन हर जरूरी अपडेट क्लीनिक के एक्सपर्ट के जरिए मिलते रहते हैं। हमारी नजर सिर्फ महिला की सेहत पर रहती है।साभार-दैनिक भास्कर
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