कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन 75 से भी ज्यादा दिन से चल रहा है। तमाम परेशानियों के बाद भी किसान डटे हुए हैं और अपने आंदोलन को तेज करने की रणनीति बना रहे हैं। इसके तहत 12 से 18 फरवरी तक अलग-अलग मुहिम छेड़ी जाएगी। वहीं पंचायतों के जरिए भी आंदोलन तेज किए जा रहा है।
किसान आंदोलन तेज करने के लिए बना रहे रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेशक किसानों को नए सिरे से किसानों को बातचीत का बुधवार को लोक सभा में न्योता दिया है, लेकिन किसान अपना आंदोलन तेज करने जा रहे हैं। चक्का जाम के बाद अब दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों ने रेल रोको अभियान का एलान किया है। 18 फरवरी को पूरे देश में किसान रेल का संचालन ठप करेंगे। वहीं, 12 फरवरी से किसानों की आंदोलन को धार देने की कवायद शुरू होगी।इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा की बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर बैठक हुई। इसमें अब तक आंदोलन की समीक्षा करने के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। सभी किसान संगठन केंद्र सरकार के वायदों के बावजूद अपने आंदोलन को तेज करने को राजी थे। इसके लिए रेल रोकने के प्रस्ताव को कारगर माना गया। किसान नेताओं का मानना था कि सड़क रोकने के बाद अब अपने आंदोलन को अगले चरण में ले जाने के लिए रेलवे के पहिए को ठप करने की जरूरत है।
अंदोलन को तेज करने के लिए गए फैसले
. 12 फरवरी से राजस्थान के भी सभी रोड टोल प्लाजा को टोल मुक्त करवाया जाएगा।
. 14 फरवरी को पुलवामा हमले में शहीद जवानों के बलिदान को याद करते हुए देशभर में कैंडल मार्च व मशाल जुलूस व अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
. 16 फरवरी को किसान मसीहा सर छोटूराम की जयंती के दिन देशभर में किसान एकजुटता दिखाएंगे।
. 18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक देशभर में रेल रोको कार्यक्रम किया जाएगा।साभार-अमर उजाला
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