गाजियाबाद,सात साल में पांच करोड़ से उगाईं झाड़ियां, बेटियों को नहीं मिला कॉलेज

गाजियाबाद। यह सिस्टम की लालफीताशाही, धन की बर्बादी और बेटियों के भविष्य से खिलवाड़ का बड़ा उदाहरण है। करीब सात साल पहले डासना में बेटियों के लिए 4.77 करोड़ की लागत से महिला डिग्री कॉलेज बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन आज तक पूरा नहीं हो सका। इन सात साल में निर्माण की लागत दोगुनी हो गई फिर भी कॉलेज की बिल्डिंग अधूरी पड़ी है और काम बंद है। बेटियों को पढ़ाई के लिए कई किलोमीटर दूर गाजियाबाद के कॉलेजों में जाना पड़ता है। कई परिवार बेटियों की दूर नहीं भेजते जिस वह से उनकी पढ़ाई ही छूट जाती है।

मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसडीपी) का नाम बदल कर अब प्रधानमंत्री जन विकास योजना हो गया है। इसी योजना के तहत डासना में 4.77 करोड़ के बजट से 2014 में डिग्री कॉलेज का निर्माण शुरू हुआ था। केेंद्र्र और राज्य सरकार से प्रस्तावित बजट भी मिल गया था, लेकिन भवन का निर्माण पूरा नहीं हो पाया। इसकेबाद कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन्ड सर्विसेज (सीएंडडीएस) ने बजट बढ़ाने की मांग की। इसके लिए सीएनडीएस ने शासन को 9.21 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट भेजा। यह पूर्व निर्धारित बजट से 4 करोड़ 44 लाख रुपये ज्यादा है। पुनरीक्षित बजट मिला नहीं और 2018 में ही यहां काम बंद हो गया। कॉलेज की आधी-अधूरी बिल्डिंग अब खंडहर की तरह दिखाई देती है। सीएडंडीएस का तर्क है कि संशोधित बजट जारी होने के बाद ही काम शुरू होगा।

20 किलोमीटर के दायरे में नहीं महिला कॉलेज
डिग्री कालेज बनकर तैयार होने पर कम से कम पांच लाख से अधिक की आबादी को फायदा होता। गाजियाबाद और पिलखुवा में डिग्री कॉलेज संचालित है लेकिन बीच में 20 किलोमीटर के दायरे में कोई डिग्री कॉलेज नहीं है। डासना में डिग्री कालेज बनने से मसूरी, डासना सहित आसपास के गांव की बालिकाओं को लाभ मिलता। डासना के पूर्व चेयरमैन साजिद हुसैन ने बताया कि इस क्षेत्र की अधिकतर बालिकाएं इंटर करने के बाद घर बैठ जाती हैं। कालेज के संचालित होने से उन्हें बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।

अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए मेरठ में बैठक भी हुई थी जिसमें सर्वेक्षण करने के बाद आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। वर्ष 2019 में ही कवायद भी हुई थी और जांच के बाद पाया गया था कि पुनरीक्षित विस्तृत प्रस्ताव तथ्यपरक हैं। इन सभी दस्तावेजों को शासन को भेजा गया, लेकिन कुछ बजट की वजह से करोड़ों का भवन बर्बाद हो रहा है।

लोनी बालिका डिग्री कॉलेज भी बजट की वजह से अटका

धरौटी खुर्द में बन रहे राजकीय डिग्री कालेज का भी निर्माण बजट ना मिलने की वजह से अटका है। कालेज का निर्माण यूपीपीसीएल करना रही है और किश्त जारी ना होने की वजह से कार्य निर्माण कार्य बाधित है। 9.42 करोड़ प्रस्तावित बजट था जिसमें से केंद्रांश की कुछ किश्त तो मिल चुकी है लेकिन राज्यांश अभी तक नहीं मिल पाया है।

डासना डिग्री कॉलेज का निर्माण कार्य अभी रुका हुआ है। इसको लेकर हम शासन के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। शासन के निर्देशानुसार इस कार्य को जल्द पूर्ण कराया जाएगा।
– अस्मिता लाल, सीडीओ

डिग्री कॉलेज के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री जी से भी चर्चा हुई थी। उन्होंने पुनरीक्षित बजट जल्द ही जारी करने का भरोसा दिया है। फाइल अंतिम स्टेज में हैं, जल्द ही वित्त विभाग से धनराशि जारी होने जा रही है। शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।साभार-अमर उजाला
– वीके सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री एवं स्थानीय सांसद

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