ट्रैक्टर रैली में बवाल के बाद दिल्ली में आज भी कई रास्ते बंद, यहां पढ़ें ट्रैफिक का कैसा है हाल

कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली के दौरान हुए बवाल के बाद दिल्ली में आज भी कई रास्ते बंद किए गए हैं ताकि हालात काबू में किए जा सकें।

हालांकि मंगलवार को बवाल के दौरान जो रास्ते बंद किए गए थे, वो देर रात फिर से खोल दिए गए थे, बुधवार सुबह इन रास्तों पर ट्रैफिक सामान्य है।

बुधवार सुबह को दिल्ली पुलिस ने फिर से आईटीओ से कनॉट प्लेस जाने वाला रास्ता बंद है। इसके अलावा आईटीओ चौराहे से इंडिया गेट जाने वाला रास्ता भी बंद किया गया है। मिंटो रोड से कनॉट प्लेस जाने वाला रास्ता भी बंद किया गया है।

आईटीओ से मंडी हाउस व आईटीओ से इंडिया गेट का रास्ता बंद है। इसके अलावा दिल्ली से गाज़ियाबाद जाने वाले नेशनल हाईवे 9 को बंद कर दिया गया है। नेशनल हाईवे-24 भी सुरक्षा के लिहाज से बंद है। अगर किसी को गाजियाबाद से दिल्ली जाना है तो वो आनंद विहार से दिल्ली जा सकते हैं।

गाजीपुर मंडी, नेशनल हाईवे-9 और नेशनल हाईवे-24 को ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद कर दिया गया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सलाह दी है कि दिल्ली से गाजियाबाद आने वाले लोगों को शाहदरा, करकरी मोर और डीएनडी से निकलें।

लाल किला मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार व जामा मस्जिद स्टेशन पर एंट्री बंद
वहीं, लाल किला मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार बंद हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार लाल किला स्टेशन पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं।

इसके अलावा जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अनुसार, बाकी स्टेशन खुले हुए हैं औऱ सभी लाइनों पर सेवाएं सामान्य हैं।

आपको बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से डेरा डाले किसानों ने गणतंत्र दिवस पर शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली का वादा किया था, लेकिन जब आंदोलनकारी सड़कों पर उतरे तो सारे वादे टूट गए। किसानों के नाम पर उपद्रवियों ने दिल्ली में घुसकर जमकर हंगामा किया। सुरक्षा के सारे इंतजाम धरे के धरे रह गए।

गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर किसान आंदोलन के नाम पर देश की राजधानी में जो हुआ उसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी ना कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों को, ना ही आंदोलन का समर्थन कर रहे विपक्ष को और ना ही किसानों को ट्रैक्टर रैली की इजाजत देने वाली पुलिस और सरकार को।
किसान तय रूट पर जाने की बजाए राजधानी के अंदरूनी हिस्सों में घुसने की जद्दोजहद करने लगे। इस कोशिश में अक्षरधाम रोड, आईटीओ, मुकरबा चौक आदि स्थानों पर उनकी पुलिस से हिंसक झड़प हुई। पथराव व तोड़फोड़ की गई। पुलिस ने अराजक तत्वों को खदेड़ने के लिए लाठियां भांजी।

वहीं, दिल्ली में किसानों के उग्र प्रदर्शन के अराजक हो जाने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इसके अलावा किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने अब तक 15 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें से ईस्टर्न रेंज में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं। साभार-अमर उजाला

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