गाजियाबाद के बिजली विभाग में करोड़ों का गबन, मेरठ में दबिश, दो गिरफ्तार

बिजली विभाग गाजियाबाद में करोड़ों रुपए के गबन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस मामले में गाजियाबाद पुलिस ने मेरठ और राजस्थान में दबिश देकर मुख्य आरोपी समेत दो को गिरफ्तार किया है। बाकी आरोपियों की तलाश में मेरठ में दबिश दी गई। बताया जा रहा है कि मेरठ में करोड़ों की रकम आईपीएल के सट्टे और एमसीएक्स में लगाई गई। इस मामले में पिछले दो दिनों से लगातार पुलिस की कार्रवाई जारी है और कुछ रकम भी बरामद की गई है।

मेरठ के बुढ़ाना गेट निवासी सुमित गुप्ता बिजली विभाग में कैशियर है उसकी वर्तमान तैनाती गाजियाबाद में है। सुमित पूर्व में मेरठ में तैनात रहा है। कुछ दिन तक उसकी तैनाती घंटाघर बिजली घर पर भी रही थी। सुमित गुप्ता पर गाजियाबाद में विभाग का पांच से छह करोड़ रुपए गबन करने का आरोप है। आरोपी ने बिल भुगतान की रकम को सरकारी खाते में जमा नहीं कराया।

इस मामले में अधीक्षण अभियंता सुनील कपूर और अधिशासी अभियंता सुरेंद्र सिंह की ओर से लिखित शिकायत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई थी। गाजियाबाद के सिहानी गेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। सुमित इसके बाद फरार हा गया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार सुमित को राजस्थान से गाजियाबाद पुलिस ने हिरासत में लिया है। पूछताछ में गबन का मेरठ के कनेक्शन का खुलासा हुआ।

मेरठ के ही खत्रियों का चौक निवासी सचिन ने सुमित का पैसा आईपीएल सट्टा और एमसीएक्स में लगवाया था। पुलिस टीम ने इसी मामले में रिंकू रामानंद, हनी मुदगल और आशू के घर पर दबिश दी। यहां से भी एक आरोपी को उठाया गया है। पिछले दो दिनों से लगातार कार्रवाई जारी है। इस मामले में कुछ अन्य को हिरासत में लिया गया है। साथ ही कुछ रकम भी बरामद बताई जा रही है।

मेरठ के साथियों संग मिलकर खपाई रकम
सुमित गुप्ता मेरठ में पूर्व में तैनात रहा है। उसकी यहां काफी लोगों से जान पहचान है। इसी के चलते उसने बिल की रकम को यहां सट्टे में लगा दिया। बाकी कुछ साथियों को भी रकम दी थी। अब भी पुलिस के शिकंजे में है। दबिश के बाद इस मामले सिफारिशों का दौर भी शुरू हो गया है।

चाणक्यपुरी में रिश्तेदार के घर भी पुलिस की दबिश
करोड़ों के गबन के मामले में पुलिस ने सुमित के रिश्तेदारों के घर पर दबिश दी। चाणक्यपुरी निवासी उसके एक रिश्तेदार के पास लाखों की रकम रखी बताई गई। इसी सूचना पर दबिश दी गई, लेकिन आरोपी रकम के साथ फरार हो गया। इसके बाद बाकी जगहों पर छापेमारी हुई। पुलिस अधिकारियों के अनुसार सुमित ने काफी रकम अपने मेरठ के चाणक्यपुरी निवासी एक रिश्तेदार के यहां रखी हुई थी।

25 लाख रोजाना की स्कीम में भी लगाया पैसा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुमित ने एक ऐसा भी सट्टा लगाया, जिसमें 25 लाख रुपए रोजाना की रकम लगाई गई। तीन दिन लगातार पैसा लगाया था। हालांकि कुछ पैसा सुमित इस दौरान जीत भी गया। वहीं ज्यादातर पैसा गंवा दिया।

एडीजी से मिलने आए थे दोनों अधिकारी
सोमवार को इसी मामले में कार्रवाई कराने के लिए अधीक्षण अभियंता सुनील कपूर और अधिशासी अभियंता सुरेंद्र सिंह एडीजी राजीव सबरवाल से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने आरोपी सुमित के बारे में काफी जानकारी दी। कुछ नंबर भी एडीजी को दिए। इसी आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सुमित और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया।

अधिशासी अभियंता ने पकड़ा था गबन
आरोपी सुमित गुप्ता की नौकरी उसके पिता की जगह लगी थी। इसके बाद वह कुछ समय मेरठ में तैनात रहा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बिल के लिए जो पैसा ग्राहकों ने जमा कराया, वह कैश सुमित ने गबन किया। उस रकम को सरकारी खाते में जमा कराने की जगह सुमित ने उसे अपने काम में इस्तेमाल किया। इस बात का खुलासा अधिशासी अभियंता के ऑडिट के दौरान हुआ तो मामला पकड़ में आया।साभार-हिन्दुस्तान न्यूज़

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