गाजियाबाद। हिंडन नदी के पास स्थित श्मशान घाट को लेकर हाई कोर्ट में पेश की गई जांच रिपोर्ट में नगर निगम की पोल खुल गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि शमशान घाट पर दाह संस्कार के लिए लकड़ी का रेट 750 रूपए प्रति कुंतल लिखा हुआ था, जबकि वहां लकड़ी का पैसा 3600 रूपए प्रति कुंतल के हिसाब से लिया जा रहा था।
अब सवाल है कि अगर लकड़ी का रेट 3600 रूपए प्रति कुंतल है तो फिर निगम ने कैसे वहां लकड़ी के रेट साढे 750 रूपए प्रति कुंतल बोर्ड पर अंकित किया है। निगम ने आनन-फानन में यह जांच तब कराई जब श्मशान घाट को लेकर केस हाईकोर्ट पहुंच गया। हाई कोर्ट में यह केस पार्षद हिमांशु मित्तल की ओर से फाइल किया गया है। इस मामले में आज सुनवाई होने जा रही है। निगम ने बताया कि कई समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित हुई थी कि घाट पर अंतिम यात्रा के दौरान अस्थियां चुगने के 1100 रूपए मांगने का आरोप लगाया गया था।
जांच पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुज सिंह को सौंपी गयी थी। जांच में पाया गया कि घाट पर एक बोर्ड लगा है बोर्ड पर दाह संस्कार के लिए लकड़ी का रेट 750 रूपए प्रति कुंतल अंकित है। पुरोहित का रेट साढे 450 और सेवादार का रेट रेट 150 रूपए लिखा है। मगर जब एक दाह संस्कार करने वाले व्यक्ति से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लकड़ी का रेट 3600 रूपए प्रति कुंतल के हिसाब से ही लिया जा रहा है। इससे निगम की जांच में खेल का खुलासा हो गया। यानी दाह संस्कार के लिए लकड़ी का रेट लगभग दोगुना लिखा गया है।साभार-युग करवट
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