- 21 जून 2018, एक ऐसी मनहूस तारीख, जिसने राधा का सब कुछ छीन लिया, उनके पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई
- 18 दिसंबर को उनकी ट्रेनिंग पूरी हुई और अगले दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने कमीशन लेकर वे ऑफिसर बनीं
-
जम्मू की रहने वाली राधा चाडक हाल ही में एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बनी हैं। पति की मौत के बाद तमाम मुश्किलों से जूझते हुए उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। 8 अगस्त 1992 को जम्मू के सांबा जिले के स्मैलपुर गांव में एक फौजी के घर जन्मी राधा बचपन से ही काफी टैलेंटेड थीं। आर्मी स्कूल से 12वीं करने के बाद उन्होंने जम्मू यूनिवर्सिटी में लॉ के लिए दाखिला लिया। अभी उनकी पढ़ाई पूरी नहीं हुई थी कि घर वालों ने 2015 में शादी कर दी।
जम्मू के ही एक गांव में एयरफोर्स में नॉन कमीशंड ऑफिसर CPL बूटा सिंह मन्हास से राधा की शादी हुई। इसके बाद 2016 में राधा ने अपनी पढ़ाई पूरी की और एक आम महिला की तरह घर के कामकाज संभालने में जुट गईं। इसके साथ ही वे जम्मू हाईकोर्ट में बतौर वकील प्रैक्टिस करने लगीं। इसी बीच 2017 में उन्हें एक बेटा हुआ। घर-गृहस्थी सब कुछ अच्छे से चल रहा था।
लेकिन 21 जून 2018, एक ऐसी मनहूस तारीख, जिसने राधा का सबकुछ छीन लिया। राधा के पति बरेली में पोस्टेड थे और वे घर आए हुए थे। अब उनका तबादला अंडमान हो गया था। अचानक 21 जून को उनके पति बूटा सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। राधा पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा। 24 जून को जम्मू कश्मीर पुलिस में सब इंस्पेक्टर पोस्ट के लिए राधा को टेस्ट देना था। इस कठिन वक्त में भी राधा टेस्ट देने गईं, लेकिन बिना इम्तिहान दिए लौट आईं।
फिर शुरू हुई मजबूत इरादों की कहानी
भीतर से टूट चुकीं राधा ने अपने आप को यह समझाकर मजबूत किया के जिस ब्लू यूनिफॉर्म को उसके पति छोड़ गए हैं, अब वही उन्होंने पहननी है। वे कहती हैं, ‘मैंने सोचा लिया था कि जाना तो एयरफोर्स में ही है, देश की सेवा अब ब्लू यूनीफार्म में ही करनी है। लॉ किया था तो सोचा जज एडवोकेट जनरल (JAG) का टेस्ट दिया जाए। इसके बारे में जानकारी के लिए अपने पिताजी के साथ एयरफोर्स स्टेशन गई तो पता चला के इसके लिए एलिजिबल नहीं हूं।
इसके बाद भी राधा का कॉन्फिडेंस कमजोर नहीं हुआ। इसी दौरान उन्हें पता चला कि AFCAT यानी एयरफोर्स कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए वे अप्लाई कर सकती हैं। इसके बाद 2 सितंबर को कोचिंग के लिए वे दिल्ली चली गईं। जबकि 16 सिंतबर को उनका टेस्ट था।
पहला मौका था, तैयारी भी कम थी। राधा स्क्रीनिंग में बाहर हो गईं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। दिसंबर 2018 में फिर से टेस्ट दिया और इस बार वे कॉन्फ्रेंस आउट हो गईं। अब जज्बा और मजबूत किया। वापस आकर दिन में कोर्ट में प्रैक्टिस, दोपहर बाद कुछ बच्चों को होम ट्यूशन और सुबह और शाम ग्राउंड में फिजिकल टेस्ट की तैयारी और रात को पढ़ाई करने लगीं। ये राधा का डेली रूटीन हो गया।
एक साल बाद यानी 4 दिसंबर 2019 को आखिर वह तारीख आ ही गई जिसका राधा ने पूरी शिद्दत से इंतजार किया था। राधा SSB के लिए सेलेक्ट हो गई और 4 जनवरी 2020 को ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद की एयरफोर्स एकेडमी पहुंचीं। इसी साल 18 दिसंबर को उनकी ट्रेनिंग पूरी हुई और अगले दिन देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने कमीशन लेकर वे फ्लाइंग ऑफिसर बनीं। राधा की पहली पोस्टिंग चंडीगढ़ में हुई है जहां वे कुछ ही दिनों में जॉइन करेंगी।
राधा कहती हैं कि मुश्किल हालात से गुजरते हुए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था। इस सफर में उनके पिता का अहम योगदान रहा है। उन्होंने राधा को हिम्मत तो दी ही साथ ही एक साल का बच्चे के हर वक्त ध्यान भी रखा। इसके साथ ही ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ने भी उन्हें गाइड किया।
मेरी बेटी पर आज देश को नाज
फ्लाइंग ऑफिसर राधा चाडक के पिता सूबेदार मेजर TS चाडक कहते हैं कि उनकी बेटी पर उन्हें ही नहीं देश को नाज है। जब लोग उनसे उनकी बेटी की बात करते हैं तो उनका सीना चौड़ा हो जाता है। वे कहते हैं कि मुझे भरोसा है कि अब राधा एयरफोर्स में अपने काम से भी देश का नाम ऊंचा करेगी। राधा के दो भाई हैं, दोनों इंजीनियर हैं।साभार :- दैनिक भास्कर
- आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad