गाज़ियाबाद,आईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का किया आयोजन

गाज़ियाबाद। शहर के प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक आईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था ‘कोडिंग, पब्लिक स्पीकिंग एवं मिक्सड रियलिटी’। इस बेहद शानदार एवं सफल आनलाइन संगोष्ठी का आयोजन प्रिंसटन हाइव तथा आईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज ने संयुक्त रूप से किया था।

संगोष्ठी का संचालन आदित गोस्वामी (बिज़नेस एवं आपरेशन्स प्रमुख) तथा रितु (बिज़नेस डेवेलपमेन्ट मैनेजर) ने किया । संगोष्ठी में संयुक्त राज्य अमेरिका से पैनल के सदस्यों ने भागीदारी की। अमरीका से डॉ डेविड आडरहोलड, डॉ कर्ट जैफरसन, अनु बहरी, ब्रायन कोस्टेलो एवं एवं मार्कोस नेवास ने बतौर पैनल सदस्य अपनी उपस्थिति दर्ज कराई तो वहीं भारत से डॉ एस एन राजन (आईटी विभागाध्यक्ष एवं तत्कालीन निदेशक, आईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज) एवं डॉ पंकज अग्रवाल (कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष) ने बतौर गेस्ट पैनलिस्ट कार्यक्रम में शिरकत की।

सभी पैनल सदस्यों ने इक्कीसवीं सदी के कौशल से जुड़े महत्त्वपूर्ण विषयों जैसे कि कोडिंग, पब्लिक स्पीकिंग एवं मिक्सड रियलिटी पर बेहद गंभीर जानकारी श्रोताओं के साथ साझा की। उन्होंने कौशल से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जिसमें लीडरशिप, एनालिटिकल थिंकिंग, जटिल समस्याओं का समाधान, क्रियेटिविटी एवं एक्टिव लिसनिंग शामिल रहे।

डॉ डेविड आडरहोलड ने प्रिंसटन हाइव के विज़न तथा इसके वैश्विक नागरिकों से संवाद स्थापित करने के विषय पर चर्चा की। मार्कोस नेवास ने कोडिंग की उत्तम तकनीक पर अपने बिंदुओं पर चर्चा की तथा प्रश्न भी पूछे। अनु बहरी ने संवाद क्षमता की महत्ता पर प्रकाश डाला तथा इक्कीसवीं सदी में संवाद कौशल का महत्व बताया। ब्रायन कोस्टेलो ने ऑगमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी जैसे विशुद्ध तकनीक से जुड़े विषयों पर श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बिषय को एक नया आयाम दिया। मैट मरी ने बताया कि जिज्ञासा का जीवन में क्या महत्व है तथा किस तरह से जिज्ञासा भविष्य में होने वाले विकास का एक कारण बनती है। डॉ कर्ट जैफरसन ने बताया कि किन आयामों पर आईएमएस इंजीनियरिंग कॉलेज और प्रिंसटन हाइव तथा स्पाल्डिंग यूनिवर्सिटी साथ मिलकर काम कर सकते हैं।

संगोष्ठी में ५०० से ज्यादा श्रोताओं ने भागीदारी की तथा इक्कीसवीं सदी के कौशल के विषयों पर ज्ञान प्राप्त कर स्वयं को लाभान्वित किया। सभी ने मिक्सड रियलिटी, मशीन लर्निंग तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा में उत्सुकता दिखाई। संगोष्ठी का समापन डॉ एस एन राजन तथा डॉ पंकज अग्रवाल के समापन संबोधन के साथ हुआ।

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