साल 2020 में सिर्फ कोरोना पर ही रहा फोकस, हजारों की मौत लेकिन सिस्टम में सुधार भी, अब 2021 से है उम्मीद

दिल्ली । मुसीबतों का साल 2020 अलविदा होने वाला है। कोरोना संक्रमण की दस्तक और फिर महामारी के फैलाव ने पूरा साल दिल्ली वालों को परेशान कर दिया। अब लोगों को नए साल में सबसे बड़ी और पहली उम्मीद कोरोना मुक्त दिल्ली से है।

हर कोई टीका आने का इंतजार कर रहा है। लोगों का मानना है कि टीका लगने के बाद वह वापस अपने पुराने जीवन में लौटना चाहते हैं। वहीं सरकार ने भी लोगों की इस उम्मीद को पूरा करने की तैयारी कर ली है।

दिल्ली में पहले चरण के तहत 60 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण होगा। इतना ही नहीं नए साल में लोगों को कई अहम स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलने जा रही हैं। मोहल्ला क्लीनिक, अस्पताल और नए बिस्तरों की सौगात मिलने वाली है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ भी वर्ष 2021 में दिल्ली की दो करोड़ आबादी को मिल सकता है। इसके लिए विभागीय स्तर पर लंबे समय से तैयारियां चल रही हैं।

पूरे साल की एकमात्र चुनौती, कोरोना
स्वास्थ्य चुनौती को लेकर बात की जाए तो इस साल दिल्ली के आगे सबसे बड़ी चुनौती कोरोना महामारी रही। 2 मार्च को पहला संक्रमित मरीज मिलने और 14 अप्रैल को पहली मौत होने के बाद से अब तक 6 लाख से भी अधिक संक्रमित केस मिल चुके हैं और 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने कोरोना की तीन तीन लहर का सामना किया है।

अस्पतालों में बिस्तरों का अभाव और गैर कोविड सेवाओं को जारी रखना सरकार के लिए काफी बड़ी चुनौतियां रही हैं। हालांकि सरकारी और प्राइवेट सभी तरह के अस्पतालों के लिए यह पूरा साल एक जद्दोजहद सा व्यतीत हुआ है।कोरोना संक्रमण की वजह से अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार नहीं मिल सका। स्वास्थ्य विभाग के ही अनुसार कोरोना महामारी को लेकर अब तक करीब 400 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं। अभी भी यह लड़ाई जारी है।

साल 2020 की उपलब्धियां
दिल्ली में साल 2020 का स्वागत 152 मोहल्ला क्लीनिक के जरिए किया गया। 5 जनवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एकसाथ इन मोहल्ला क्लीनिक का उद्घाटन किया था। इसी के साथ ही कुल मोहल्ला क्लीनिक की संख्या बढ़कर 452 से अधिक हो चुकी है।

इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव और फिर कोरोना महामारी की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी योजनाओं पर अधिक कार्य नहीं हो सका लेकिन कोरोना वायरस को हराने के लिए दिल्ली में काफी बेहतर प्रयास किए गए। अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ी और नए-नए वेंटिलेटर भी उपलब्ध कराए गए।

सरकारी अस्पतालों में साल 2020 के दौरान 500 से अधिक वेंटिलेटर बढ़ाए गए। वहीं बिस्तरों की क्षमता भी 12 हजार तक पहुंच चुकी है। इसके अलावा 600 बिस्तर की क्षमता वाले अंबेडकरनगर अस्पताल को शुरू किया गया। वहीं बुराड़ी में बने 768 बिस्तरों के अस्पताल को संक्रमित मरीजों के लिए शुरू किया गया।

देश में सबसे पहले कोरोना का प्लाज्मा बैंक दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल में बना। सबसे बुजुर्ग 106 वर्षीय मरीज को कोरोना संक्रमण होने के बाद दिल्ली में बचाया गया। इतना ही नहीं देश की पहली कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला की प्रसूति दिल्ली में ही हुई। एम्स के डॉक्टरों ने नवजात शिशु को कोरोना मुक्त घोषित किया था।

अगले साल की उम्मीद
1. कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए दिल्ली में 60 लाख लोगों को मिलेगी टीका की डोज। 600 से ज्यादा टीका बूथ पर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक लगेगा टीका। 28 दिन के अंतराल में दो-दो डोज प्रति व्यक्ति को लेना होगा जरूरी।

2. द्वारका सेक्टर-9 में बन रहे 1241 बिस्तर के इंदिरा गांधी अस्पताल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। नए साल में यह अस्पताल आम जनता के लिए शुरू किया जा सकता है।

3. दिल्ली के अस्पतालों में 11,423 बिस्तर बढ़ाने की योजना है। 19 सरकारी अस्पतालों में यह बढ़ोत्तरी होगी जिनमें सबसे अधिक लोकनायक अस्पताल में 1800 बिस्तर बढ़ेंगे। बाबू जगजीवनराम अस्पताल में 900, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में 1,009, जीटीबी अस्पताल में 806 और चाचा नेहरू अस्पताल में 500 बिस्तर बढ़ाने का प्रस्ताव है।

4. नए साल में आपके घर के एक किलोमीटर दायरे में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए मोहल्ला क्लीनिक और खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार की योजना है कि वर्ष 2021 में मोहल्ला क्लीनिक की संख्या दोगुना यानि करीब एक हजार कर दी जाए।

5. बिंदापुर में 100 बिस्तरों का जच्चा-बच्चा अस्पताल का निर्माण भी होगा शुरू। पिछले वर्ष यहां पॉलीक्लीनिक हुआ था शुरू।

दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार मिलना बेहद जरूरी है। हर साल मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले पांच साल की स्थिति देखें तो सालाना इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या तीन से बढ़कर छह करोड़ तक पहुंच चुकी है। ऐसे में जरूरी है कि दिल्ली को नए अस्पतालों की सौगात मिले। – डॉ. सुमेध, आरएमएल अस्पताल

दिल्ली के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढना बहुत जरूरी है। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद इस दिशा में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। पूरी उम्मीद है कि नए साल भी बिस्तरों की संख्या बढ़ेगी। – डॉ. अंकित ओम, फिजिशियन

देश की राजधानी में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बेहतर कार्य किए हैं। इसमें कोई दोराय नहीं है कि मोहल्ला क्लीनिक की योजना पर काफी फायदा हुआ है। उम्मीद है कि नए साल में सरकार इसे और मजबूती प्रदान करेगी। – डॉ. विजय गुर्जर, दिल्ली एम्स

फिलहाल सबसे पहली उम्मीद कोरोना वायरस से मुक्ति है। इसके लिए हर कोई इंतजार कर रहा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि साल 2021 कोरोना मुक्ति के लिए एकदम सही रहेगा और हर किसी का जीवन वापस से पटरी पर लौटेगा। – डॉ. हिमांशु वर्मा, विभागाध्यक्ष, सफदरजंग अस्पताल साभार-अमर उजाला

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