गाजियाबाद, नगर निगम में प्रस्ताव पास होते गए और फाइलों में दबते गए-जानिये कौनसी हैं फाइलें

गाजियाबाद। नगर निगम में शहर के विकास के लिए प्रस्ताव तो बहुत पास हुए लेकिन अधिकांश प्रस्ताव फाइलों से बाहर ही नहीं निकले। कार्यकारिणी समिति और नगर निगम बोर्ड की बैठक में जोर-शोर से उठने वाले मुद्दे और प्रस्ताव अब गायब हो गए। प्रस्ताव पास होने के बाद पार्षद और आम लोग इन पर काम शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अफसर हैं कि बड़े खर्च वाले इन विकास प्रस्तावों को पत्रावलियों से बाहर ही नहीं निकाल रहे हैं। इनमें से कई प्रस्ताव ऐसे हैं जिनके लिए नगर निगम बोर्ड और कार्यकारिणी समिति फंड भी जारी कर चुकी है, बावजूद इसके इन पर आज तक काम शुरू नहीं हुआ।

गांधीनगर में नहीं बनी अंडरग्राउंड पार्किंग-
नगर निगम ने करीब दो साल पहले गांधीनगर में पार्क के नीचे अंडरग्राउंड पार्किंग बनाने का प्रस्ताव पास किया था। इसके लिए एक करोड़ रुपये का फंड भी जारी कर दिया गया था। इस क्षेत्र में कई बड़े कामर्शियल क्षेत्र और तहसील कार्यालय है। प्रतिदिन कई सौ वाहनों का आवागमन यहां होता है। यह वाहन सड़कों के किनारे ही खड़े होते हैं। इसकी वजह से यहां जाम भी लगता है। इन वाहनों के लिए ही गांधीनगर में अंडरग्राउंड पार्किंग और उसके ऊपर पार्क विकसित करने का प्रस्ताव पास किया गया था।

शहीदों की स्मृति में वाटिका भी नहीं बनी
नगर निगम ने पूर्व महापौर अशु वर्मा के कार्यकाल में करहेड़ा में शहीदों की स्मृति में शहीद वाटिका बनाने का निर्णय लिया था। इसके लिए अवस्थापना निधि से पांच करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव भी कार्यकारिणी समिति और सदन में पास हो गया था। इस वाटिका में वर्ष 1857 से लेकर करगिल युद्ध में शहीद हुए सेनानियों और जवानों के स्टेच्यू लगाकर उनकी वीरता की गाथाएं भी प्रदर्शित की जानी थीं। यह प्रस्ताव भी फाइलों में कैद होकर रह गया।

सैनिकों के परिवारों को नहीं मिली हाउस टैक्स में माफी
नगर निगम ने ही सैनिक परिवारों, शहीदों के परिवारों को हाउस टैक्स में माफी या छूट दिए जाने का प्रस्ताव 2017 में पास किया था। इस पर निगम के एक भी पार्षद ने विरोध नहीं किया था और सर्वसम्मति से पास कर दिया गया था। करीब तीन साल बाद भी इस प्रस्ताव का फायदा सैनिकों के परिवारों को नहीं मिला।

कर्मचारियों की बेटियों के लिए नहीं बना अलग फंड
नगर निगम पार्षद अजय शर्मा ने 2012 से 2017 के कार्यकाल में हुई निगम की अंतिम बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियों की दो बेटियों के लिए प्रति माह 500 रुपये एक फंड बनाकर जमा करने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए अलग बजट भी दिया गया था। बावजूद इसके अभी तक यह प्रस्ताव लागू नहीं किया गया। भाजपा सरकार की ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना से भी इसको जोड़ा गया था। बावजूद इसके यह योजना धरातल पर नहीं उतर पाई।

हर वार्ड के एक-एक पार्क में बनाई जानी थी चौपाल
नगर निगम ने प्रत्येक वार्ड के कम से कम एक पार्क में गांव की चौपाल की तर्ज पर चौपाल बनाने का निर्णय लिया था। इसके पीछे तर्क था कि जो लोग गांवों से आकर शहरों में रहने लगे हैं, उन्हें वही माहौल देने के लिए पार्क में चौपाल बनाई जानी थी। ताकि शाम को लोग इसमें कुछ समय व्यतीत कर सकें। सर्वसम्मति से पास होने के बावजूद यह प्रस्ताव भी धरातल पर नहीं उतर पाया है।

ये प्रस्ताव भी नहीं निकल पाए फाइलों से
– यूपी बार्डर पर टेलीफोन एक्सचेंज के सामने सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराकर बनाना था सामुदायिक केंद्र।
– प्रत्येक वार्ड में कम से कम एक-एक खेल का मैदान विकसित होना था।
– वार्ड-7 में 1500 वर्ग मीटर जमीन पर बरात घर बनाने का निर्णय हुआ था वर्ष 2018 में।
– सजवान नगर में चार बीघा खाली जमीन पर विजयनगर क्षेत्र के लिए बनना था श्मशान घाट।
– वसुंधरा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव हुआ था पास।
– निगम कर्मचारी या पार्षदों के ब्लड रिलेशन के लोगों को ठेकेदारी से रोकने का प्रस्ताव।
– इस्लाम नगर क्षेत्र में आरसीसी नाला बनाने का प्रस्ताव हुआ था पास।
– बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट एफओबी पर विज्ञापन नहीं लगने देने का प्रस्ताव।
– वसुंधरा स्थित सिल्वर स्पून बैंक्वेट हॉल से ग्रीन बेल्ट की जमीन खाली कराने का प्रस्ताव।

कोट
नगर निगम में प्रस्ताव पास होते रहते हैं, लेकिन अधिकारी सिर्फ उन प्रस्तावों पर काम करते हैं जिनमें उनका हित होता है। जनहित के प्रस्ताव फाइलों में बंद कर दिए जाते हैं। लाइनपार क्षेत्र के ऐसे कई प्रस्ताव हैं, जिन पर काम शुरू नहीं किया गया। – नरेश जाटव, बसपा पार्षद

हम कई बार बोर्ड में मुद्दा उठा चुके हैं कि जो प्रस्ताव पास किए जाते हैं अगली बैठक में उनकी अनुपालन आख्या दी जानी चाहिए। बहुत से प्रस्ताव ऐसे हैं जो कार्यकारिणी और सदन पास कर चुका है, लेकिन अधिकारी उन पर काम नहीं कर रहे हैं। आगामी बैठक में मुद्दे को उठाया जाएगा। – राजेंद्र त्यागी, भाजपा पार्षद

फोटो
जनहित के प्रस्तावों को कराएंगे लागू : नगरायुक्त
नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि जो भी प्रस्ताव पूर्व में पास हुए होंगे उनकी समीक्षा की जाएगी। नगर निगम का काम विकास कराना है। जनहित के जो भी ऐसे प्रस्ताव बाकी हैं जिन पर काम शुरू नहीं हो पाया है, उन पर जल्द ही चरणबद्ध तरीके से काम कराएंगे।साभार- अमर उजाला

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं।शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

 

 

 

 

 

Exit mobile version