लॉकडाउन के दौरान कई प्रदेशों से पलायन कर गाजियाबाद आए करीब दो सौ प्रवासी श्रमिकों ने अभी यहां नौकरी से इनकार कर दिया है। ये सभी यहां नौकरी नहीं करना चाहते बल्कि कोरोना महामारी के हालात सामान्य होने पर वापस पुराने शहर लौटना चाहते हैं। सेवायोजन विभाग शेष 235 प्रवासियों के लिए रोजगार तलाशने में लगा है।
कोविड-19 के बाद लॉकडाउन में धंधा बंद होने पर काफी संख्या में प्रवासी श्रमिक पलायन कर घर-परिवार के पास लौट आए। इसमें गाजियाबाद में 526 लोग विभिन्न प्रदेशों- हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र से लौटकर आए। प्रशासन द्वारा सभी प्रवासियों को आश्रय स्थलों में क्वारंटाइन करके रखा गया था ताकि कोरोना का संक्रमण उनके घर परिवार तक न फैले।
जिला सेवायोजन अधिकारी एस.के. सिंह ने बताया कि इन 526 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार तथा सरकारी योजनाओं में स्वरोजगार के लिए स्किल मैपिंग कराई गई। इसके बाद 60 श्रमिकों को नौकरी मिल गई। अब 235 युवक नौकरी या रोजगारी के इच्छुक हैं। इनके लिए 20 जुलाई को ऑनलाइन रोजगार मेला लगाया जा रहा है। शेष लोगों में 17 नाबालिग और शेष महिलाएं हैं। शेष 200 प्रवासियों ने अभी नौकरी करने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि वह कोरोना महामारी सामान्य होने पर वापस अपनी पुरानी जगहों और शहरों में जाना पसंद करेंगे। यहां काम नहीं कर सकते हैं।
रोजगार दिलाना कई विभागों के लिए चुनौती
लॉकडाउन के बाद पलायन कर घर लौटे हजारों प्रवासी श्रमिकों को रोजगारी दिलाने में जिला उद्योग विभाग भी जुटा है। उद्योग विभाग के पास करीब 48 हजार प्रवासी श्रमिकों की सूची उपलब्ध है। ये सभी उत्तर प्रदेश के करीब दस जिलों में पलायन कर आए प्रवासी श्रमिकों की है, जो अब बेरोजगार हैं। इसमें आधे से ज्यादा निर्माण श्रमिक हैं। विभाग अभी 11 सौ युवकों को ही रोजगार दिला सका है।
साभार : livehindustan
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