सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं के आयोजन को लेकर उसके फैसले में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये परीक्षाएं जरूर आयोजित होंगी। सीबीएसई मुख्य 29 विषयों के पेपर स्थिति सामान्य होने के बाद जरूर करवाएगी। सीबीएसई ने बुधवार को ट्वीट कर कहा- ”10वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यह फिर से दोहराया जाता है कि बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षा के 29 मुख्य विषयों की परीक्षा कराने के अपने फैसले पर कायम है, जिसका जिक्र उसने 1 अप्रैल 2020 को जारी सर्कुलर में भी किया था।’
सीबीएसई की यह प्रतिक्रिया उन अटकलों के बाद आई हैं जो कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान के बाद पैदा हुई थीं। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक से कहा था कि कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से 10वीं और 12वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षा को आयोजित कराना अभी व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता में राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की हुई बैठक में यह अनुशंसा की।
सिसोदिया ने कहा था, ”सामाजिक दूरी की जरूरत की वजह से 10वीं और 12वीं के बाकी विषयों की बोर्ड परीक्षाएं मई या जून में भी कराना व्यावहारिक नहीं है। परीक्षा में देरी से अकादमिक सत्र भी प्रभावित होगा। अन्य राज्यों का अपना शिक्षा बोर्ड है लेकिन दिल्ली के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) है। सीबीएसई के अधिकतर छात्र दिल्ली से आते हैं। मैं मानव संसाधन विकास मंत्री से अपील करता हूं कि वह सीबीएसई को, नौवीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के प्रमोट करने फार्मूले को अपनाने के लिए कहें। इस अनिश्चित समय में मैं नहीं जानता कि हम दोबारा परीक्षा करा पाएंगे भी या नहीं। इसलिए आतंरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) और अब तक हो चुकी परीक्षा के आधार पर 10वीं और 12वीं की कक्षा के छात्रों का भी मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
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