खोरासान मॉड्यूल के निशाने पर उत्तर भारत, CAA के विरुद्ध आंदोलन भड़काने से जुड़े हैं ISIS के तार

केंद्रीय खुफिया इकाई के एक खास ऑपरेशन में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली से लेकर पूरा उत्तर भारत आईएस के ‘खोरासान मॉड्यूल’ के निशाने पर है। यह मॉड्यूल खासतौर से दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे उत्तर भारत में अपनी मजबूत पकड़ बनाने में जुटा है। बता दें कि पुलिस ने आईएस के खोरासान मॉड्यूल से जुड़े एक दंपति को सीएए विरोधी प्रदर्शन भड़काने के आरोप में दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर से रविवार को गिरफ्तार किया है।

खुफिया इकाइयों की मानें तो आईएस का यह खोरासान मॉड्यूल पिछले तीन वर्षों से दिल्ली को निशाने पर लेने की कोशिश में जुटा है। केंद्रीय खुफिया इकाइयों द्वारों चलाए गए ऑपरेशन के दौरान इस मॉड्यूल से जुड़े कुछ संदिग्धों को दबोच कर उस वक्त इनकी इस नापाक मंशा का खुलासा किया था। अभी सीएए को लेकर लोग सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं तो इस बार आईएस के इस मॉड्यूल ने सीएए को ही हथियार बनाकर नौजवानों को संगठन से जोड़ने का प्रयास किया।

इसके लिए इस सीमापार में बैठे खोरासान मॉड्यूल के आकाओं ने स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े इस कश्मीरी दंपती को दिल्ली भेजा था। बीते साल से ही यह दंपती सीएए के विरोध में एक बड़ा देशव्यापी नेटवर्क खड़ा करने में जुटा था।

जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है दंपति
पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी सामी व उसकी पत्नी हिना मूल रूप से जम्मू कश्मीर के पूर्णिबाल, शिवपोरा का रहने वाले हैं। ये ओखला विहार के पास जामिया नगर में एक मकान की दूसरी मंजिल पर रहते थे। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जुड़ा यह दंपती देश में नफरत फैलाने में जुटे थे। इसके लिए ये सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर कई गुमनाम आईडी बनाकर लोगों से संपर्क करते थे। इनके घर से चार मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक बाहरी हार्ड डिस्क और कुछ भड़काऊ सामग्री बरामद की गई है।

कहां से आया खोरासान शब्द
खोरासान शब्द एक प्राचीन इलाके के नाम पर आधारित है। जिसमें कभी उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ईराक का हिस्सा शामिल हुआ करता था। वर्तमान में यह अफगानिस्तान व सीरिया के बीच में का हिस्सा है। यहां आईएसआईएस के अलावा अन्य आतंकी संगठनों की विचारधारा से जुड़े संदिग्ध युवकों की तादात भी पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है और ये एशियाई मूल्कों में अपना नेटवर्क स्थापित करने की कवायद में हैं। पहले भी खुफियाइयों ने सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मुहैया कराया था कि दिल्ली ‘खोरासान मॉड्यूल’ के सदस्यों के निशाने पर है।

2018 से आईएस से जुड़ा है सामी
जांच एजेंसियों की मानें तो पकड़ा गया आरोपी सामी इस्लामिक स्टेट के खोरासान विंग से वर्ष- 2018 में ही जुड़ गया था। वह इस मॉड्यूल के पाकिस्तानी कमांडर हुजैफा अल-बकिस्तानी से जुड़ा था, जिसने कश्मीरी युवाओं को आतंकी समूह में शामिल करने के लिए कट्टरपंथी बनाने के प्रयासों में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, बकिस्तानी के मारे जाने के बाद भी सामी व उसकी पत्नी के बारे में यह खुफिया सूचना थी कि वह अब भी आईएस नेटवर्क से जुड़े हैं। अब स्पेशल सेल यह जानता चाहती है कि ये आईएस के लिए क्या कर रहे थे।

2012 में बना था खोरासान मॉड्यूल
आईआईएस के खोरासान मॉड्यूल को ‘खोरासान ग्रुप’ नाम से भी जाना जाता है। इस ग्रुप में अलग विचारधारा रखने वाले आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े लोग भी शामिल हैं। इस ग्रुप को मुख्य तौर पर सीरिया खोरासान से चलाया जाता है। हालांकि खुफिया इकाइयों की मानें तो इस ग्रुप के पास अभी बहुत कम लड़ाके हैं। केरल से जो 21 लड़के गायब हुए हैं, उनके बारे में भी यह कहा जाता है कि उन्होंने आईएसआईएस के ‘खोरासान मॉड्यूल’ को ही ज्वाइन किया है। आईएसआईएस खोरासान का यह मॉड्यूल 2012 में बनाया गया था।

अमेरिका के लिए है बड़ा खतरा
आईएसआईएस के इस मॉड्यूल को अमेरिका के लिए बड़ा खतरा बताया जाता है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह आईएसआईएस से ‘कोर ग्रुप’ से भी ज्यादा कट्टर और खतरनाक है। इस ग्रुप की विचारधारा वहाबी से प्रभावित है। सूत्रों के अनुसार, इस ग्रुप की कमान मोहम्मद इस्लामबौली नाम का शख्स संभाल रहा है।


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