केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने जांच एजेंसी की उस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उसने सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और डिप्टी पुलिस सुपरिटेंडेंट (डीएसपी) देवेंद्र कुमार को क्लिन चिट दिया है। अदालत ने मनोज प्रसाद के खिलाफ सीबीआई के आरोप पत्र पर भी संज्ञान लिया है।
रॉज एवेन्यू कॉम्प्लेक्स स्थित अदालत के विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने शनिवार (7 मार्च) को अपने आदेश में कहा कि राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार के खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं हैं। विशेष अदालत के द्वारा क्लिन चिट को स्वीकार करना राकेश अस्थाना के लिए एक बड़ी राहत है, जिन्होंने पहले दिन से दावा किया है कि आलोक वर्मा के इशारे पर उनके खिलाफ “मनगढ़ंत” एफआईआर दर्ज की गई थी।
अदालत ने धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और पीसी एक्ट की धारा 8 के तहत मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के खिलाफ आरोपों का संज्ञान लिया है, जिन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया था, उन्हें भी मामले में बतौर आरोपी तलब किया गया है।
सीबीआई ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना की शिकायत के आधार पर अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सना 2017 के उस मामले में जांच का सामना कर रहा है जिसमें मांस व्यापारी मोइन कुरैशी की भी संलिप्तता है।
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