संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ केरल की राज्य सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आज सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जो सदन में पास भी हो गया। इस दौरान उन्होंने कहा,’ केरल में धर्म निरपेक्षता, यूनानियों, रोमन, अरबों का एक लंबा इतिहास है, हर कोई हमारी भूमि पर पहुंच गया। ईसाई और मुसलमान शुरुआत में केरल पहुंचे। हमारी परंपरा समावेशी है, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि केरल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा।’ विधानसभा में कांग्रेस, सीपीआई (एम) ने पिनराई द्वारा पेश किये गए प्रस्ताव का समर्थन किया।
इस प्रस्ताव के सीपीआईएम के विधायक जेम्स मैथ्यू, कांग्रेस विधाक वीडी सतीशन, सीपीआई के सी दिवाकरन ने समर्थन दिया। कांग्रेस विधायक वीडी सतीशन ने कहा, ‘एनआरसी और सीएए, एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सीएए, आर्टिकल 13, ,14 और 15 का स्पष्ट उल्लंघन है।’ सीपीआई विधायक दिवाकरन ने कहा, ‘असेंबली को इस तरह के प्रस्ताव को पेश करने के लिए मजबूर किया जाता है। भारत में बड़े पैमाने पर ऐसा विरोध कभी नहीं देखा गया। यह प्रस्ताव पेश कर दुनिया को संदेश भेजा जा रहा है।’
हालांकि, केरल में बीजेपी विधायक ओ. राजगोपाल ने प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि राजनीति की संकीर्ण मानसिकता का प्रतीक है। इससे पहले संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर कई गैर भाजपा शासित राज्यों के विरोध के बीच केंद्र ने सोमवार को कहा कि राज्यों को कानून लागू करना होगा क्योंकि संसद ने इसे मंजूरी दी है।
संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सीएए पर केंद्र के साथ भाजपा के दृष्टिकोण से अवगत कराने के लिए कहा, ‘संविधान के तहत राज्यों को इसे (सीएए) लागू करना होगा।’ मंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों को राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को भी लागू करना होगा, जो कि जनगणना का हिस्सा है। उनके बयान के एक दिन पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक धार्मिक संगठनों की बैठक में विवादास्पद कानून के खिलाफ संयुक्त प्रदर्शन करने का फैसला किया गया था।
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