इंदिरापुरम विस्तार योजना का ले-आउट तैयार, हटेंगे नौ बरातघरों

गाज़ियाबाद। इंदिरापुरम से सटे महीउद्दीनपुर कनवानी में इंदिरापुरम विस्तार आवासीय योजना को विकसित करने के लिए जीडीए ने ले-आउट तैयार कर लिया है। टोटल स्टेशन सेटेलाइट सर्वे की मदद से इंदिरापुरम विस्तार का ले-आउट तैयार किया गया है। ले-आउट तैयार होने के बाद पहले चरण में 60 एकड़ में फैली योजना में आवासीय भूखंड के अलावा सड़क, सीवर, पार्क, हरित पट्टियां सहित अन्य सुविधाओं को चिह्नित करने के लिए जीडीए के नियोजन अनुभाग ने सत्यापन शुरू कर दिया है।

60 एकड़ में फैली इंदिरापुरम विस्तार योजना में करीब नौ बड़े बरातघरों को हटाया जाएगा। जीडीए प्रवर्तन अनुभाग भूखंड खाली करने के लिए जल्द इन बरात घर संचालकों को नोटिस जारी करेगा। पहले चरण में 60 एकड़ में फैली इंदिरापुरम विस्तार योजना को 10 पॉकेट में विभाजित किया गया है। पॉकेटवार योजना के विकास का खाका तैयार किया गया है। जीडीए की योजना पहले आवासीय भूखंड की योजना लांच करने और फिर उससे मिलने वाले पैसे से सुविधाओं को विकसित करने की है। महीउद्दीनपुर कनावनी गांव के पास 60 एकड़ जमीन पर जीडीए की इंदिरापुरम विस्तार योजना लाने की तैयारी है।

योजना में मुख्य रूप से एकल यूनिट के आवासीय, व्यावसायिक और स्कूल-कॉलेजों के भूखंड होंगे। इंदिरापुरम एक्सटेंशन की कोई सड़क 40 फुट से छोटी नहीं होगी। योजना की मुख्य और अंदरूनी सड़कें 12 मीटर, 24 और 30 मीटर की होंगी। जीडीए ने 2005 में इंदिरापुरम एक्सटेंशन योजना के लिए महीउद्दीनपुर कनावनी गांव में 280 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। बड़े मुआवजे की मांग को लेकर कई लोगों ने कोर्ट का रुख किया। अधिक आर्थिक भार की संभावना के चलते जीडीए ने विवादित 220 एकड़ जमीन के डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास करा शासन को भेज दिया है। अब जीडीए ने अपने पास करीब 60 एकड़ जमीन पर नई आवासीय योजना लाने की योजना पर काम तेज कर दिया है।

ले-आउट तैयार होने के बाद सत्यापन शुरू हो गया है। जमीनी सत्यापन में जीडीए के कब्जे वाले 60 एकड़ जमीन पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए अभियान चलेगा। नौ बरात घरों को पहले ही चिह्नित किया जा चुका है। दूसरे चरण में जीडीए की योजना किसानों से लैंडपूल पॉलिसी के तहत 30 एकड़ जमीन को जोड़कर इसे और विस्तार देने की है।

जीडीए अधिकारियों के मुताबिक इंदिरापुरम एक्सटेंशन में मुख्य रूप से एकल यूनिटों के भूखंडों की योजना लाई जाएगी। इसमें 200 वर्ग मीटर, 250, 300 और 350 वर्ग मीटर के भूखंड काटने की योजना है। जीडीए अधिकारियों ने साफ किया है कि आवासीय भूखंडों में केवल एकल यूनिट के निर्माण की अनुमति दी जाएगी। नक्शा पास होने से लेकर निर्माण तक कड़ी मॉनिटरिंग की जाएगी। योजना में व्यावसायिक भूखंड होंगे। इसमें स्कूल-कॉलेज, पेट्रोल पंप आदि भूखंडों को शामिल किया जाएगा।

 

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