रॉन्ग साइड ड्राइविंग से 2018 में रोजाना हुई 24 लोगों की मौत : रिपोर्ट

नई दिल्ली। सड़क हादसों से जुड़े आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं यूपी वासियों को या तो चलना नहीं आता या वे जानबूझकर आपनी जान जोखिम में डालते हैं। आंकड़ों के मुताबिक रॉन्ग साइड ड्राइविंग की वजह से 2018 में हर दिन 24 लोगों की मौत हुई । जबकि एक साल में पार्क की गई गाड़ियों के कारण 4,780 लोगों की मौत हो गई। एक रिपोर्ट के अनुसार में गलत साइड ड्राइविंग के कारण दुर्घटनाओं में 2017 के बाद से 9% की कमी देखी गई। इसी अवधि में खड़े वाहनों के साथ टक्कर के कारण मरने वालों की संख्या दोगुनी हो गई।

शुक्रवार को जारी सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में सभी सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 1,51,417 थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3,500 अधिक है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 22,256 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में दुर्घटनाओं की कुल संख्या 4,67,044 थी, जिनका दैनिक औसत 1,280 है।

गंभीर दुर्घटनाओं में शामिल दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी सबसे अधिक 31.4 प्रतिशत थी, जिसके बाद कारों और जीपों का स्थान था। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहिया वाहन सवारों के दुर्घटना की संभावना 35.2% अधिक थी। पिछले वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में साइकिल चालकों, पैदल चलने वालों और दोपहिया वाहन चालकों ने 54% दुर्घटनाएँ दर्ज हुई।

सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक तेज स्पीड थी, जिसके कारण 64.4 फीसदी लोग मारे गए। गलत साइड ड्राइविंग के कारण 5.8 प्रतिशत मौतें हुईं। मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में 2018 में हर पांच घंटे में एक सड़क दुर्घटना से मौत हुई। भारतीय शहरों में हर 10 दुर्घटनाओं में से एक राष्ट्रीय राजधानी में दर्ज की गई। यह पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा था। दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए 17,709 लोगों में से 1,690 लोग दिल्ली में थे। यह आंकड़ा मुंबई में 475 दर्ज की गई जबकि कोलकाता में यह 294 है।

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version