जयपुर। समाज आज दहेज लोभी होता जा रहा है। कई बहुएं दहेज की बलिवेदी पर चढ़ा दी जा रही हैं। ऐसे में दहेज की कुरीति के खिलाफ छिड़ी जंग में राजस्थान में सीआईएसएफ के एक जवान ने बगैर दहेज के शादी कर मिसाल पेश की है। जवान ने अपनी शादी में 11 लाख रुपये का दहेज विनम्रता से ठुकरा दिया।
दूल्हे ने शगुन के तौर पर महज 11 रुपये लेकर शादी की। दूल्हा सीआईएसएफ में कॉन्सटेबल के पद पर तैनात है। उसकी तैनाती छत्तीसगढ़ में है। इस वाकये की हर तरफ चर्चा हो रही है। लोग दूल्हे के इस कदम की जमकर प्रशंसा कर रहे हैं। बताया जाता है कि कॉन्सटेबल जितेंद्र सिंह की शादी गोविंद सिंह की पुत्री चंचल से तय थी। शादी के लिए तय तिथि को बारात जयपुर के अंबावाड़ी पहुंची थी।
शादी की रस्में निभाई जा रही थीं। सबकुछ सामान्य चल रहा था। दुल्हन पक्ष की ओर से दहेज में 11 लाख रुपये से भरा थाल दूल्हे जितेन्द्र के हाथ में थमाया जाने लगा। थाल को लेने की बजाय जितेन्द्र ने उसे लेकर देने के लिए खड़े ससुर के सामने हाथ जोड़ लिए। इससे वर और वधू, दोनों पक्षों के लोग बेचैन हो गए। हर किसी को लगा कि दूल्हा सरकारी नौकरी में है तो कहीं ऐसा न हो कि वह दहेज में ज्यादा राशि के लिए नाराज हो गया है।
यह चर्चा भी शुरू हो गई कि बारात के स्वागत में कमी रह गई, जिससे वह नाराज है लेकिन जितेंद्र के मन में तो कुछ और ही था। मान-मनौव्वल का दौर शुरू होने पर जितेन्द्र ने खुद को दहेज का विरोधी बताते हुए रुपयों से भरा थाल लौटा दिया, तब सबको माजरा समझ आया। काफी समझाने पर जितेन्द्र ने शगुन के तौर पर 11 रुपये और नारियल लेना स्वीकार किया और शादी की बाकी रस्में पूरी की गईं।
दूल्हे ने क्या कहा
जितेन्द्र ने कहा कि उसे जब पता चला कि उसकी होने वाली पत्नी ने एलएलबी कर रखी है और पीएचडी कर रही है, तभी तय कर लिया था कि शादी में दहेज नहीं लूंगा। दुल्हन पैसे से बढ़कर है।दूल्हे ने पत्नी के न्यायिक सेवा की तैयारी करने की जानकारी दी और कहा कि जब वह जज बनकर न्याय करेगी, तब वह दहेज की रकम से भी बढ़कर होगा। जितेन्द्र का यह कदम चर्चा का विषय बना हुआ है।
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