मधुमेह रोग में चीनी से ज्यादा जरूरी है कैलोरी पर नियंत्रण रखना : डॉ अमित छाबड़ा

गाज़ियाबाद। आज यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी में आयोजित एक कार्यक्रम में वरिष्ठ डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित छाबड़ा मधुमेह रोग के बारे में जानकारी दी। विश्व मधुमेह दिवस जो आज ही के दिन विश्व भर में मनाया जाता है। इस स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम में लोगों की डायबिटीज से संबंधित जांचें निशुल्क की गई। जिनमें ब्लड शुगर एवं 3 महीने की मधुमेह रोग की जानकारी देने वाले टेस्ट hba1c प्रमुख हैं।

आज के कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा डायबिटिक तंबोला। डायबिटीज तंबोला के माध्यम से मरीजों को डायबिटीज से जुड़े अनेकों सवाल-जवाब के बारे में खेल खेल में सिखाया गया। हॉस्पिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सुनील डागर ने तम्बोला के विजेताओं को पुरस्कार स्वरुप स्वास्थ्यवर्धक प्रोटीन पाउडर दे कर उन्हें सम्मानित किया।

इस अवसर पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी कौशांबी के ही वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ असित खन्ना ने मधुमेह के रोगियों को जानकारी दी कि वे कैसे हृदय रोगों से बच सकते हैं। वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सुमन चटर्जी ने लोगों को मधुमेह में  हाथ और पैरों की नसों के कमजोर होने के बारे में जानकारी दी। दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनमोल अग्रवाल ने मधुमेह के रोगियों को अपने दांतो की देखभाल कैसे करें इस बारे में जानकारी  दी।

किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विद्यानंद ने  मधुमेह की वजह से होने वाली किडनी की बीमारियों  के लक्षण एवं बचाव के बारे में बताया। डायटिशियन भावना गर्ग ने मधुमेह के रोगियों को खान पान के बारे में जानकारी दी एवं यह भी बताया कि किस तरह की डाइट मधुमेह रोग को होने से बचा सकती है। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र सिंह बी मधुमेह के रोगियों में होने वाले नेत्र रोगों के लक्षण एवं बचाव के बारे में जानकारी दी।

मोटे लोगों में मधुमेह की बीमारी को ख़त्म या नियंत्रित करने में बैरिएट्रिक एवं  मेटाबॉलिक सर्जरी के बारे में डॉ सुशांत वढेरा ने लोगों को जानकारी दी। लोगों के सवालों का जवाब देते हुए डॉ अमित छाबड़ा ने कहा कहा कि यदि एक बार मधुमेह हो जाए तो उसे खत्म नहीं किया जा सकता है। लेकिन अपनी जीवन शैली, खानपान एवं उचित डॉक्टरी देखभाल से उसको नियंत्रित रखा जा सकता है।

डॉक्टर छाबड़ा ने जोर देते हुए कहा कि हम सामान्यतः मधुमेह रोग से बचने के लिए चीनी खाना कम कर देते हैं किंतु यह सही नहीं है। चीनी से ज्यादा हमें कैलोरी का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि पराठे में चीनी नहीं होती लेकिन उसमें कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में वह पराठा डायबिटीज के मरीज के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। डॉक्टर छाबड़ा ने कहा कि बैलेंस डाइट एवं 2-3 घंटे के अंतर पर खाना-खाना मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए एक अच्छा उपाय है।

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