गाज़ियाबाद। संजयनगर स्थित शिल्प उद्यान से प्रवेश शुल्क हटाया जा सकता है। जीडीए अधिकारियों ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। आदेश आना बाकी रह गया है। स्थानीय लोगों के विरोध के चलते जीडीए को प्रवेश शुल्क लगाकर कदम पीछे खींचना पड़ा रहा है। इसके साथ दो अन्य पार्कों में प्रवेश शुल्क लगाने का इरादा फिलहाल टाल दिया है।
शिल्प उद्यान के रखरखाव में जीडीए हर साल पांच लाख रुपये खर्च करता है। बीते अक्टूबर में जीडीए ने इस उद्यान के रखरखाव के आर्थिक बोझ को कम करने के लिए प्रयोग के तौर पर 1.85 लाख रुपये में ठेका छोड़ दिया था। सुबह पांच से आठ बजे तक प्रवेश निशुल्क रखा गया था। 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए भी प्रवेश नि:शुल्क रखा था। सुबह आठ बजे बाद उद्यान में प्रवेश करने के लिए 10 रुपये शुल्क लगाया गया था। तय किया था कि रोजाना आने वाले लोग 150 रुपये में मासिक पास बनवा सकते हैं। स्थानीय लोगों ने इसका जबरदस्त विरोध किया। पार्क के बाहर धरना दिया गया।
इस विरोध के चलते जीडीए अधिकारियों ने प्रवेश शुल्क में 50 फीसद कटौती करने के बारे में सोचा। इस पर भी स्थानीय लोग तैयार नहीं हुए। उधर, ठीकेदार ने जीडीए अधिकारियों के समक्ष अपनी परेशानी रखी। बताया कि लोग मांगने पर शुल्क नहीं देते, लड़ने लगते हैं। इस पर मंथन हुआ है कि प्रवेश शुल्क खत्म कर दिया जाए। इसके साथ राजनगर सेंट्रल पार्क और औषधि पार्क में प्रवेश शुल्क लगाने का इरादा भी टाल दिया गया है।
जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने कहा कि शिल्प उद्यान में लग रहा प्रवेश शुल्क खत्म करने पर विचार चल रहा है। लोगों का विरोध जारी है। जल्द निर्णय ले लिया जाएगा।
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