गाज़ियाबाद। नगर निगम में हर वर्ष 50 से 60 करोड़ रुपये के हाउस टैक्स के कथित घोटाले को लेकर मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा पार्षद हिमांशु मित्तल का कहना है कि अगर इतना बड़ा घोटाला है तो मेयर को इस घोटाले की समिति बनाकर जांच करानी चाहिए और बोर्ड और कार्यकारिणी को अवगत कराकर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजनी चाहिए ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री को मेयर द्वारा जो पत्र भेजा गया उसमें भी टैक्स घोटाले का जिक्र किया गया। मेयर आशा शर्मा का कहना है कि हाउस टैक्स में बड़ा खेल चल रहा है और यह घोटाला हर साल 50 से 60 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। उनका यह भी दावा है कि जो मकान आवासीय बने हैं और उनका इस्तेमाल व्यवसायिक हो रहा है तो नियमानुसार उन पर टैक्स व्यवसायिक ही लगना चाहिए, मगर ऐसे काफी मकानों पर आवासीय टैक्स लगाकर निगम के कुछ कर्मचारी नगर निगम को ही चपत लगा रहे हैं। उन्होंने इसे एक गंभीर मामला बताया।
अगर टैक्स चोरी रूक जाती है तो नगर निगम की आय बढ़ेगी और इससे शहर का विकास और तेजी के साथ होगा। इस मामले को लेकर अब नया मोड़ आ गया है। भाजपा के पार्षद हिमांशु मित्तल का कहना है कि यह एक गंभीर मामला है।
अगर हाउस टैक्स विभाग में घोटाला है तो इस मामले को लेकर मेयर को चाहिए कि वह पार्षदों की जांच के लिए एक कमेटी गठित करे और जांच में जो भी अधिकारी, कर्मचारी इसमें दोषी पाए जाएं उस मामले को बोर्ड और कार्यकारिणी की बैठक में पेश करें। अगर इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होती है तो मेयर को चाहिए कि वह यूपी सरकार को पत्र भेजकर इसकी उच्चस्तरीय जांच कराएं। उनका कहना है कि यह सही है कि हाउस टैक्स में बड़े स्तर पर खेल हो सकता है। मगर इसकी जांच होना भी जरूरी है।
पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं और कुछ कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध भी नजर आती है। मगर उनको बचाने के बजाए उन पर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि टैक्स ज्यादा आए और विकास को शहर में गति मिल सके।
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