गाज़ियाबाद। नकली दवाओं के प्रचलन और खाद्य पदार्थों में मिलावट से जनजीवन की स्वस्थ समस्याओं पर रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश विधान परिषद की समिति की बैठक का आयोजन सभापति साहब सिंह सैनी की अध्यक्षता में लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस किया गया। इस मौके पर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के आधार पर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि मिलावट पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में समस्त जन सामान्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों से संबंधित जो भी अधिकारी जनपद में कार्य कर रहे हैं उनके द्वारा जमीनी स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, ताकि खाद्य पदार्थों में मिलावट पर और अधिक प्रभावी कार्रवाई अमल में लाई जा सके।
रविवार को बैठक में सभापति ने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा स्पष्ट रूप से अपनी रिपोर्ट समिति को उपलब्ध कराई जाए ताकि अग्रिम कार्रवाई के लिए समिति द्वारा सकारात्मक निर्णय किया जा सके ताकि मिलावट पर खाद्य पदार्थों में अंकुश लगे। उन्होंने निर्देश दिया कि स्टैंडिग कमेटी की बैठक नियमित रूप से सुनिश्चित की जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा मिड डे मील एवं पीडीएस तथा एल्कोहलिक के पदार्थों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। प्रतिबंधित दवाई आक्सीटोसिन की जांच की जाए, खाद्य तेल को बार-बार प्रयोग करने के संबंध में होटलों पर निगरानी रखी जाए।
पान मसाला, पैकेज ड्रिक वाटर, कोल्ड ड्रिक एवं खेसारी दाल पर कार्रवाई, होटल एवं रेस्टोरेंट पर जांच के बाद कार्रवाई का निर्देश दिया। बैठक में एमएलसी रामब्रज सिंह यादव सदस्य, एमएलसी धर्मवीर सिंह अशोक सदस्य, पीएन द्विवेदी अनु सचिव, विजेंद्र सिंह पीएस, मनोज साहनी समीक्षा अधिकारी, जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने मुलाकात की। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनके गुप्ता, नगर मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ल, जिला आबकारी अधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों के द्वारा भाग लिया।
डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 14 हजार करोड़ लीटर दूध का उत्पादन है जबकि खपत 64 हजार करोड़ लीटर है। मिलावटी दूध का कारोबार जोरों पर है। रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक बड़ी संख्या में लोग कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की चपेट में होंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में अधिकारियों को मिलावटी उत्पाद रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा गाज़ियाबाद में मिलावट के 400 से अधिक मामले एडीएम के यहां लंबित हैं, इनका निस्तारण कराए जाने के लिए भी कहा गया है। उन्होंने बताया कि तीन बार मिलावट करने पर कार्रवाई संबंधी एक्ट में संशोधन के लिए भी संसद में उठाया जाएगा।
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