मेरठ। पुलिस-प्रशासन अयोध्या प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले तैयारियों को पूरा करने में जुटा है। पूरे जिले को जहां आठ जोन और 31 सेक्टरों में बांटा गया है। वहीं, निर्णय वाले दिन के लिए रैपिड एक्शन फोर्स, आरआरएफ और पीएसी की दस कंपनी मांगी गई हैं।
एसएसपी अजय साहनी ने सोमवार को की गई समीक्षा बैठक में एसपी सिटी और एसपी देहात से बवालियों को चिह्नित करने के बारे में जानकारी ली। दो अप्रैल 2018 को हुए बवाल में मेरठ में जिन 180 लोगों को आरोपी बनकर मुकदमा दर्ज किया गया था।
इनके समेत 250 लोगों को चिह्नित किया गया है। एसपी सिटी ने बताया कि इनमें बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा भी शामिल हैं। फैसला आने वाले दिन की स्थिति को देखते हुए इन लोगों को नजरबंद भी किया जा सकता है।
यह बना ड्यूटी प्लान
जिले में चिह्नित किए गए 106 संवेदनशील स्थानों पर पीएसी और आरएएफ द्वारा मार्च निकाला जा रहा है। 12 नवंबर को मखदूमपुर और गढ़ गंगा मेले से तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी ड्यूटी से लौट आएंगे। जिसके बाद जिले के सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस, आरएएफ, आरआरएफ और पीएसी को तैनात कर दिया जाएगा। कमिश्नरी पार्क में किसानों का धरना खत्म होने के बाद अब बिना अनुमति के सभी धरना प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है।
क्राइम मीटिंग में थानेदारों को फटकार
एसएसपी ने सोमवार शाम क्राइम मीटिंग में अनसुलझी वारदातों को लेकर सरधना, भावनपुर और परतापुर के थानेदारों को जमकर फटकार लगाईं। परतापुर में पड़ी डकैती, परीक्षितगढ़ में पेट्रोल पंप मालिक के घर चोरी पर खास नाराजगी जताई। एसएसपी ने अयोध्या प्रकरण पर आने वाले फैसले के मद्देनजर तैयारियों पर थानेदारों से चर्चा की।
एसपी सिटी, एसपी देहात, एसपी क्राइम और सीओ से सुरक्षा प्लान की निगरानी करने को कहा। वहीं, रात में एसएसपी ने एलआईयू, इंटेलीजेंस और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। मीटिंग में अयोध्या प्रकरण के फैसले पर लंबी चर्चा चली। खुफिया विभाग के इनपुट की जानकारी ली। दोनों बैठकों में अयोध्या के फैसले पर सुरक्षा रणनीति बनाने पर जोर रहा।
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