नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्भया कांड के दोषियों को दी गई फांसी की सजा को अब सिर्फ सात दिन बाकी हैं। अगर वह इन दिनों में राष्ट्रपति के पास दया याचिका नहीं भेजते हैं तो उनको फांसी की सजा दे दी जाएगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को लिखित में नोटिस देकर इस बात से अवगत कराया है।
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल के अनुसार, चार में से तीन दोषी तो तिहाड़ जेल में हैं और एक मंडोली स्थित जेल नंबर-14 में सजा काट रहा है। सभी दोषियों को पहले ट्रायल कोर्ट ने फिर हाईकोर्ट ने और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा सुनाई है।
उन्हें राष्ट्रपति के पास दया याचिका डालकर मौत की सजा को उम्रकैद में बदलवा सकने का अधिकार भी था, लेकिन उन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया है। अब राष्ट्रपति के पास दया याचिका डालने के लिए उनके पास सिर्फ सात दिन बचे हैं। ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन ने उन्हें लिखित में आगाह किया है कि अगर उन्हें दया याचिका डालनी हो तो वह डालें।
सूत्रों के हवाले से खबर है कि चारों दोषियों को यह नोटिस 28 अक्तूबर को ही दे दिया गया था। तीन आरोपियों को तिहाड़ जेल में और एक को मंडोली जेल में। नोटिस में ये साफ कहा गया है कि अगर वो मौत की सजा में रियायत चाहते हैं तो नोटिस मिलने के सात दिन के अंदर राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल कर दें।
क्या है मामला
23 साल की पैरामेडिकल छात्रा से 16-17 दिसंबर की रात में दक्षिण दिल्ली में छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसकी नृशंसता से पिटाई की थी। छात्रा की 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
इस कांड की नृशंसता से दिल्ली ही नहीं, पूरा देश सिहर उठा था। इस मामले के एक आरोपी राम सिंह ने जेल में फांसी लगाकर जान दे दी थी। इस वारदात में शामिल नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद छोड़ दिया गया था।
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