छह पूजा में आधुनिकता का भी हो रहा समावेश, फिर भी यह पर्व है विशेष

गाज़ियाबाद। छठ पर्व में आस्था रखने वाले श्रद्धालु पूजा करने में स्थानीय परंपरा का ध्यान रखते हैं और बिना किसी चमक-दमक के परंपरा का निर्वहन करते हैं लेकिन, व्यवस्थाओं में आए बदलाव से आधुनिकता का भी समावेश होने लगा है। पहले पूजन से संबंधित सभी चीजें घर में तैयार की जाती थीं। चाहे वह प्रसाद तैयार करना हो अथवा प्रसाद बनाने में प्रयोग होने वाली सामाग्री। घर में बने मिट्टी के चूल्हे पर ही महिलाएं प्रसाद तैयार करती थीं और अब एलपीजी गैस पर तैयार किए जाते हैं। पहले बांस से बने सूप का प्रयोग करते थे और अब पीतल के सूप में सामग्री रखकर पूजा की जाती है। इसके बावजूद आज भी छठ व्रत में पूजा परंपरा का विशेष ध्यान रखा जाता है।

पूरबिया समाज के तारकेश्वर दूबे का कहना है कि छठ व्रत में परंपराओं का सबसे अधिक ध्यान रखा जाता है। पर्व शुरू होने से अंत तक व्रती तमाम परंपराओं का पालन तो करती ही हैं, परंपरागत सामग्री और तकनीकों का भी इस्तेमाल होता है। दांत साफ करने के लिए दातून का प्रयोग किया जाता है। प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का इस्तेमाल होता है। इसमें जलावन के रूप में आम की लकड़ियों का इस्तेमाल होता है। प्रसाद में जल भी गंगा या मान्यता के हिसाब से किसी पवित्र स्त्रोत का ही लिया जाता है।

बाकी पर्वों में भले ही तमाम किस्म की मिठाइयों का प्रसाद के रूप में प्रचलन हो गया है, लेकिन छठ के प्रसाद में आज भी खीर, ठेकुआ, कचवनिया और तमाम प्रकार के फल ही होते हैं। खरना में खीर और रोटी बनती है। प्रसाद बनाने में बर्तन भी धातु के इस्तेमाल किए जाते हैं। उसमें भी पीतल, कांसा का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि आज भी गांवों में ठेकुआ के लिए आटा हाथ की चक्की में ही तैयार होता है। शहरों में अनुपलब्धता के कारण मशीन का इस्तेमाल होने लगा है। तालाब का कराया जा रहा सौंदर्यीकरण

राजनगर एक्सटेंशन में पूर्वाचल समाज के लाखों लोग रहते हैं। एओए फेडरेशन के अध्यक्ष राजकुमार त्यागी ने बताया कि समाज के लोगों के त्योहार के लिए हर संभव व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पूजा सामग्री से लेकर उनकी पर्व से संबंधित सभी जरूरत का सामान यहां उपलब्ध रहेगा। राजनगर एक्सटेंशन की एओए फेडरेशन ने छठ पर्व के अवसर पर व्रतियों के लिए तालाब का सौंदर्यीकरण करवाया है।

राजनगर एक्सटेंशन की केडीपी सोसायटी के सामने नगर निगम का एक खाली मैदान है, जिसमें पहले से ही तालाब बना हुआ था। एक्सटेंशन की एओए फेडरेशन के पदाधिकारी व समाज के लोगों ने मिलकर उस तालाब का सौंदर्यीकरण कर उसे पूजा करने के लायक बनाया। इसके अलावा बम्हैटा, विजय नगर, प्रताप विहार, राहुल विहार, नंदग्राम, संजय नगर सहित अन्य क्षेत्रों में भी तालाब सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है।

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