नई दिल्ली। मध्य दिल्ली के रणजीत सिंह फ्लाईओवर के पास सोमवार देर रात तेज रफ्तार क्रेटा कार ने साइकिल से लेजर शो देखकर लौट रहे पिता-पुत्र को उड़ा दिया। हादसे के बाद आरोपी कार समेत मौके से फरार हो गया। चश्मदीदों की मानें तो टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि साइकिल सवार मासूम करीब 10 फीट ऊंचा उछलकर दूरा जा गिरा।
मौके पर मौजूद लोगों ने ऑटो और बाइक की मदद से घायलों को नजदीकी एलएनजेपी अस्पताल पहुंचाया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। मृतकों की शिनाख्त हीरा (40) और उसके बेटे किशोर (10) के रूप में हुई है। सूचना मिलते ही आईपी एस्टेट थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस को घटना स्थल से कार की टूटी हुई नंबर प्लेट मिली है। पुलिस दावा कर रही है कि आरोपी की पहचान कर ली गई है, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक मूलरूप से नेपाल का रहने वाला हीरा अपने परिवार के साथ भाजपा मुख्यालय के पास रेलवे कॉलोनी के क्वार्टर में रहता था। सोमवार शाम को हीरा अपने छोटे बेटे किशोर को लेकर साइकिल से कनॉट प्लेस स्थित सेंट्रल पार्क लेजर शो देखने गया था। दोनों रणजीत सिंह मार्ग से होते हुए घर लौट रहे थे। फ्लाईओवर से नीचे उतरकर दोनों लाल बत्ती की ओर बढ़ने लगे। इसी दौरान पीछे से सफेद रंग की एक क्रेटा कार ने एक अन्य कार को टक्कर मारते हुए साइकिल सवार को अपनी चपेट में ले लिया।
चश्मदीद आफताब आलम की मानें तो कार दोनों को काफी दूर तक घसीटते हुए ले गई। कुछ लोगों ने आरोपी को पकड़ने का प्रयास भी किया। मौके पर पहुंची पुलिस को घटना स्थल से टूटी-फूटी साइकिल व कार की टूटी हुई नंबर प्लेट बरामद हुई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कार के नंबर के आधार पर कार मालिक की पहचान कर ली गई है। वह कृष्णा नगर का रहने वाला है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
हादसे के समय कार की रफ्तार थी 100 किलोमीटर प्रति घंटा
चश्मदीद आफताब ने बताया कि हादसे के समय कार की रफ्तार लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटा से भी अधिक थी। जैसे ही कार चालक ने भागने का प्रयास किया तो कुछ बाइक सवारों ने उसका पीछा करने का प्रयास किया, लेकिन वह मौके से फरार होने में कामयाब हो गया।
कुछ लोगों का दावा, महिला चला रही थी कार
हादसे के समय घटना स्थल के पास अपने ऑटो को साफ कर रहे युवक ने दावा किया है कि हादसे के समय महिला कार चला रही थी। जिस तरह से वह कार चला रही थी, उससे लग रहा था कि वह नशे की हालत में थी। टक्कर मारने के बाद आरोपी ने कार की रफ्तार को कम करने का प्रयास नही किया और वह साइकिल को दूर तक घसीटते हुए ले गया। सड़क पर चारों ओर खून ही खून फैला हुआ था।
परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल
हीरा और उसके मासूम बेटे किशोर की मौत के बाद से परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल है। रीना तो रोते-रोते बार-बार यही कहे जा रही थी कि अब उसके परिवार का क्या होगा। परिवार में हीरा ही अकेला कमाने वाला था। हीरा करीब 10-12 साल पूर्व काम की तलाश में नेपाल से भारत आया था। यहां उसने रेलवे के एक बड़े अधिकारी के यहां नौकरी कर ली। अधिकारी ने ही उसे सर्वेंट क्वार्टर दे दिया था। हीरा परिवार के साथ वहीं रहता था।
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