ऑपरेशन जैकपॉट सफल, ISIS सरगना बगदादी का हुआ खात्मा

नई दिल्ली। खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) का सरगना अबु बकर अल-बगदादी का खात्मा हो चुका है। अमेरिका ने उसके खात्मे के लिए मिशन अब्लिटरेशन की कहानी करीब डेढ़ साल पहले ही लिख ली थी और सही समय का इंतजार कर रहा था। इस खास ऑपरेशन का नाम रखा गया मिशन अब्लिटरेशन और आतंकी बगदादी का कोडनेम रखा गया था ऑपरेशन जैकपॉट

सिर्फ 2 बार दिखाई दिया बगदादी

पिछले 5 सालों में खूनी संगठन आईएसआईएस पर बगदादी का कब्जा रहा और इसने इस दौरान दुनिया को जहन्नुम बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन इन पिछले 5 सालों में न तो अबु बकर अल-बगदादी की जानकारी हासिल करना आसान रहा और ना ही उसे पकड़ना। इन 5 सालों में बगदादी दिखा तो सिर्फ 2 बार मगर उसकी आवाज और उसके आतंकी दुनिया में दहशत मचाते रहे।

ऐसे में यह सवाल सामने आता है कि अमेरिका की डेल्टा फोर्स के इलीट कमांडो कैसे पहुंचे आतंक के इस आका की मांद तक और कैसे उन्होंने बगदादी को गुफा के अंदर कायर की मौत मरने के लिए मजबूर कर दिया। बगदादी को ठिकाने लगाने की कवायद शुरू होती है फरवरी 2018 से।

पिछले साल पकड़ा गया बगदादी का साथी

फरवरी 2018 में तुर्की की आर्म्ड फोर्स ने बगदादी के सबसे करीबी और खास साथी कमांडर इस्माइल अल इथावी को सरहदी इलाकों से मुल्क दाखिल होते वक्त पकड़ लिया। अल इथावी को गिरफ्तार कर तुर्की ने उसे इराक को सौंप दिया। इथावी पर सिर्फ इराकी सेना की ही नजर नहीं थी बल्कि अमेरिकी सेना भी उसे तलाश रही थी।

गिरफ्तारी के बाद इथावी ने बगदादी के सारे राज खोलकर रख दिए थे। बगदादी अपने परिवार के साथ कहां रहता है? सीरिया में बगदादी किन 5 लोगों के साथ मिलकर अपनी आगे की रणनीति बनाता है ? और आखिर कैसे बगदादी इतने दिनों से खुफिया एजेंसियों के शिकंजे से बचा हुआ था ? बकौल इथावी बगदादी बेहद चालाक था। खुफिया एजेंसियों की नजरों से बचने के लिए वो अक्सर सब्जियों से भरी मिनी ट्रक में बैठकर सफर करता था जिसकी वजह से वो चेकिंग से हर बार बच जाता था।

23 अक्टूबर को मिशन की तैयारी पूरी

23 अक्टूबर, 2019 को मिशन अब्लिटरेशन की तमाम तैयारियां पूरी कर ली गईं और ये जिम्मेदारी अमेरिका की ज्वाइंट स्पेशल ऑपरेशन कमांड की डेल्टा फोर्स के इलीट कमांडोज को दी गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस रेड के बारे में 3 दिन पहले जानकारी दी गई।

प्लान के मुताबिक अमेरिका को आधिकारिक तौर रूस, इराक और तुर्की से बात करनी थी क्योंकि अमेरिकी ड्रोन तीनों देशों के एयरस्पेस का इस्तेमाल करने वाले थे। राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि व्हाइट हाउस ने रूस को ऑपरेशन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी थी। इतना जरूर कहा गया था कि रूस के अधिकारी इसे पसंद करेंगे।

रात 11 बजे से ऑपरेशन शुरू

26 अक्टूबर, 2019 को रात 11 बजे अमेरिकी सेना के विशेष कमांडोज ने सीरिया के इदलिब में बारिशा इलाके में रात को बगदादी को उसके अंजाम तक पहुंचाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। अमेरिकी सैनिक जब आतंकी सरगना अबु बकर-अल बगदादी की तलाश में अचानक इस सुनसान इलाके में पहुंचे तो लोगों को लगा कि ये आम ऑपरेशन है, लेकिन जब अमेरिकी हेलिकॉप्‍टर एक खास मकान के ऊपर मंडराने लगे तो लोगों को एहसास होने लगा कि आज कुछ बड़ा होने वाला है।

हेलिकॉप्‍टर काफी नीचे उड़ान भर रहे थे। बगदादी के ठिकाने पर उसके आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी। हालांकि इन्हें जल्द ही मार गिराया गया। रात साढ़े 11 बजे ये पूरा ऑपरेशन ठीक वैसे ही अंजाम दिया जा रहा था जैसा की पाकिस्‍तान के ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के खिलाफ चलाया गया था।

बहरहाल, अमेरिकी हेलिकॉप्‍टर्स बगदादी के ठिकाने को घेरने के इरादे से 70 डेल्टा कमांडोज और फौजी कुत्तों के साथ उतरा। इमारत में रह रहे बाकी लोगों को निकलने का रास्ता दिया गया और फिर कमांडोज ने अपनी-अपनी पोजिशन ले ली। बगदादी के गुफानुमे बंकर को घेर लिया गया। अत्‍याधुनिक हथियारों और साजो सामान से लैस कमांडोज के पास ट्रेंड डॉग्स के अलावा एक रोबॉट भी था। ताकि जमीन में बारूद बिछे होने पर ये रोबोट मोर्चा संभाल लेते।

15 मिनट में ऑपरेशन खत्म

26-27 अक्टूबर 2019, रात 12 बजे, महज 15 मिनट में ऑपरेशन ‘जैकपॉट’ खत्म हो गया और दुनिया में आतंक का आका अबु बकर अल बगदादी आखिरकार मारा गया। मगर खुद को बम से उड़ाने की वजह से उसके जिस्म के भी चीथड़े उड़ गए।

अमेरिकी कमांडोज जब मौके पर पहुंचे तो उन्‍होंने उसके शरीर के अंगों का एक छोटी सी फील्ड किट के जरिए डीएनए टेस्ट किया जिसके बाद कमांडोज ने व्‍हाइट हाउस को मैसेज भेजा कि ऑपरेशन जैकपाट 100 फीसदी पूरा हुआ ।

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