पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक द्वारा जबरन प्रार्थना में सरस्वती वंदना की जगह मदरसे की प्रार्थना करने का मामला सामने आया है। यूपी के बीसलपुर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ग्यासपुर के प्रधानाध्यापक को स्कूल में प्रार्थना की जगह मदरसे की मजहवी प्रार्थना कराने के मामले में डीएम के निर्देश पर बीएसए ने निलंबित कर दिया है। इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी को दोषी पाते हुए जांच के निर्देश दिए हैं।
विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारी सोमवार को डीएम वैभव श्रीवास्तव से मिलने पहुंचे। पदाधिकारियों ने डीएम को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय एक ही परिसर में संचालित है, जहां हेडमास्टर फुरकान अली है। ज्ञापन में कहा कि स्कूल में अधिकत्तर छात्र-छात्राएं हिन्दू हैं। इसके बाद भी हेडमास्टर सरकार की ओर से निर्धारित प्रार्थना नहीं कराते हैं। आरोप है कि शिक्षक मदरसें में होनी वाली मजहवी प्रार्थना कराते हैं। यह बच्चों के अनुकूल नहीं है, जिसका असर बच्चों पर विपरीत असर पड़ता है।
ज्ञापन में कहा गया कि परिषद के पदाधिकारियों ने इसको लेकर मना किया तो शिक्षक ने जवाब दिया कि उन्हें खंड शिक्षा अधिकारी की सहमति प्राप्त है। साथ ही वह प्रार्थना के समय उपस्थित भी रहे हैं। उन्होंने कभी भी मना नहीं किया तो वह लोग कौन होते है मना करने वाले। पदाधिकारियों ने कहा कि जबकि नियम है कि सरकार की ओर से अनुमोदित प्रार्थना ही विद्यालय में होनी चाहिए। इसके बाद भी यह मनमानी हावी है।
शिकायत पर डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से शिक्षक को निलंबित करने के आदेश जारी किए। इसके बाद बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने प्राथमिक विद्यालय ग्यासपुर के प्रधानाध्यापक मोहम्मद फुरकान को निलंबित कर दिया है। बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए अमरिया के खंड शिक्षा अधिकारी मदनलाल वर्मा को जिम्मेदारी दी गई है। बीसलपुर के खंड शिक्षा अधिकारी उपेंद्र विश्वकर्मा से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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