नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमान के इंजन बनाने वाली फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी सफरान ने भारत में ही इसके स्वदेशी इंजन बनाने के लिए मदद की पेशकश की है। कंपनी ने इसके लिए बाकायदा एक प्रस्ताव रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के पास भेजा है।
कंपनी ने कहा कि भारत में ही राफेल के स्वेदशी इंजन तैयार किए जा सकते हैं और इसके लिए वह टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने को तैयार है। बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफरान के कारखाने का दौरा किया था। इस दौरान भारत में चल रहे सफरान के प्रोजेक्ट की जानकारी देने के अवसर पर कंपनी के सीईओ ओलिवियर एंड्रीज ने यह बताया।
एंड्रीज ने आजतक-इंडिया टुडे टीवी को बताया, ‘वे (DRDO) हमारे द्वारा भेजे गए प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं। हम टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करना चाहते हैं और इससे भारत में पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान इंजन का रास्ता तैयार हो सकता है। गौरतलब है कि मिराज जेट विमान में भी इसी कंपनी के M53 वेरिएंट का इंजन का इस्तेमाल किया जाता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को पेरिस के पास स्थित विलारोश में स्थित साफरान के कारखाने का दौरा किया था। इसके एक दिन पहले मंगलवार को ही राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायु सेना को पहला राफेल जेट विमान सौंपा गया था। राजनाथ सिंह को एक प्रजेंटेशन के द्वारा कारखाने के कामकाज को बताया गया।
भारत को क्या होगा फायदा
एक भारतीय अधिकारी ने कहा, ‘यह प्रस्ताव अगर कारगर हुआ तो इससे मेक इन इंडिया को तेजी मिलेगी। इसका मतलब यह है कि भारत इस इंजन को बनाकर विदेश में निर्यात भी कर सकता है।’
फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने भारत को राफेल सौंपे जाने के कार्यक्रम के बाद कहा था, ‘हम मेक इन इंडिया नीति का समर्थन करेंगे। हमें भविष्य की बात करनी चाहिए। यह सिर्फ एक लड़ाकू विमान हासिल करने का मसला नहीं बल्कि सैन्य साझेदारी को बेहतर करने का मामला है। हम आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपना पूरा प्रयास करेंगे।’
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