लखनऊ। एक तरफ जहां सरकार ने ई-सिगरेट को बैन करने का फैसला किया वहीं दूसरी तरफ सहारनपुर में कुछ युवाओं ने मिलकर अपने गांव को नशा मुक्त बनाने में अहम योगदान दिया है। नशा मुक्ति के लिए देशभर में तरह-तरह की योजनाएं बनाई जाती हैं, लेकिन ऐसी योजनाएं सफल होने की दौड़ में कहीं पीछे छूट जाती हैं।
इस बार कुछ युवाओं ने मिलकर नशा मुक्ति के लिए मुहिम छेड़ी और वह उसमें कामयाब भी रहे। यूपी के सहारनपुर में इस तरह की योजना को शुरू किया गया। देवबंद क्षेत्र के गांव मिरगपुर को नशा मुक्त बनाने के नायाब मिसाल पेश की गई है। मिरगपुर के अलावा यहां का एक और गांव भायला भी अब इसी राह पर आगे बढ़ रहा है।
इस गांव को नशा मुक्त बनाने के लिए कुछ युवाओं ने मिलकर बीड़ा उठाया कि गांव की किसी भी दुकान पर धूम्रपान का सामान नहीं बिकेगा। अपनी इस नेक पहल में वह कामयाब भी रहे। अब गांव की किसी भी दुकान पर नशे का सामान नहीं बिकता। खास बात यह रही है कि गांववालों ने भी युवाओं की इस मुहिम में उनका भरपूर साथ दिया। इसके बाद पूरे गांव में घोषणा की गई है कि कोई भी इस प्रकार का सामान नहीं बेचेगा।
इसके बाद तरह-तरह के प्रश्न उठ रहे हैं। कई लोग ये भी प्रश्न कर रहे हैं कि क्या इस गांव में युवा काफी नशा करते थे। इसके अलावा जब नशे को खत्म करने के लिए इन युवाओं ने मिसाल पेश की तो सभी के दिमाग में यही चल रहा है कि उन्हें यह प्ररेणा कहां से मिली।
अपने गांव को नशा मुक्त बनाने के लिए इन युवाओं को ग्रामीणों का सहयोग तो मिला ही है, लेकिन ऐसी भी बातें सामने आ रही हैं कि इनके सहयोग के लिए प्रशासन ने भी पूरा साथ दिया।
साभार- पूजा सिंह
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