नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट में चार नए जजों की नियुक्ति हो गई। जस्टिस रामसुब्रमण्यन, जस्टिसकृष्ण मुरारी, जस्टिस आर रविन्द्र भट्ट और जस्टिस हृषिकेश रॉय ने सोमवार को शपथ ली। इसके साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 34 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल स्वीकृत संख्या 34 है। सोमवार की नियुक्तियों के साथ ये संख्या पूरी हो गई है।
अब माना जा रहा है कि अगले महीने से एकल जज पीठ की व्यवस्था भी शुरू हो जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो 40 साल बाद फिर से सुप्रीम कोर्ट में एकल जज पीठ अहम मसलों की सुनवाई करेगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पर मुकदमों के बढ़ते बोझ को कम करने की वजह से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई एकल पीठ प्रणाली को फिर से बहाल करना चाह रहे थे। जस्टिस गोगोई पहले भी कह चुके हैं कि वो ऐसी व्यवस्था करेंगे कि 7 साल से कम सजा के प्रावधान वाले मुकदमों यानी भारतीय अपराधिक प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी की धारा 437, 438 और 439 के तहत जमानत, अग्रिम जमानत और मुकदमे ट्रांसफर करने जैसे मामलों में एकल जज पीठ ही तय कर दे।
कानून के क्षेत्र से जुड़े लोगों का मानना है कि एकल पीठ प्रणाली को बहाल करने से सुप्रीम कोर्ट पर मुकदमों का बोझ कम होगा और लोगों को समयबद्ध तरीके से इंसाफ मिल सकेगा।
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