यूपी। उत्तर प्रदेश रेरा ने शाहबेरी में निर्माण करा रहे 16 बिल्डरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनका पंजीकरण रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की रिपोर्ट के बाद किया गया है। इस कार्रवाई से तमाम निवेशकों के पैसे डूबने का खतरा बढ़ गया है।
वर्ष 2018 में दो इमारतों के धराशाई होने के बाद ग्रेटर नोएडा का शाहबेरी सुर्खियों में आया था। उस हादसे में नौ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। उसके बाद से ही प्रशासन की नजर शाहबेरी में हो रहे अवैध निर्माण पर पड़ी। हालांकि, वहां पर एक अदद आशियाने के लिए अपने जीवनभर की कमाई लगाने वाले वहां बन रहे इमारतों को तोड़ने के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
शाहबेरी में दो इमारतों के धराशाई होने के बाद से ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण वहां अवैध रूप से बन रहे इमारतों की वैधता और गुणवत्ता की जांच करा रहा है। शाहबेरी में 16 बिल्डरों ने यूपी रेरा में पंजीकरण कराया था। अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की रिपोर्ट के बाद रेरा ने वहां पंजीकृत सभी 16 बिल्डरों के पंजीकरण को निरस्त कर दिया है।
आरोप है कि उन्होंने रजिस्ट्रेशन के आधार पर निवेशकों और बैंकों को गुमराह किया है। इसके अलावा इन बिल्डर्स की इमारतें बिना नक्शा पास कराए बनाई गई हैं।
जिन बिल्डरों के पंजीकरण रद्द किए गए हैं, उनमें बिल्डर वरुण यादव के नागोरी होम्स, नागोरी होम्स-2 और नागोरी होम्स-3, जितेंद्र पाल सिंह के जेपी हाइट्स, जसबीर मान के भान रेजीडेंसी, आशियाना होम्स और मान रेजीडेंसी, मेघा रियल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के फ्रेंड्स एन्क्लेव, मान प्रॉपर्टी एंड डेवलपर मेघा रियल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, पंकज जैन हिमालय रेजीडेंसी फेज-1 राहुल कुमार के बालाजी प्रोजेक्ट, सुरेंद्र सिंह का श्री श्याम अपार्टमेंट-2, श्री श्याम, शैलेंद्र कुमार के गोल्डन नेस्ट ट्री और फुरकान के सारा होम्स-2 शामिल हैं।
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