स्वास्थ्य विभाग के पूर्व डीजी समेत छह पर चलेगा मुकदमा

गाजियाबाद। सोमवार को उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय में तैनात रहे पूर्व डीजी समेत छह के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप पत्र तय किए गए। विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में अब सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलेगा। अदालत ने केस की पहली गवाही कराने के लिए नौ अक्तूबर की तारीख तय की है।

सीबीआई के लोक अभियोजक कुलदीप पुष्कर ने बताया कि वर्ष 2008-09 के बीच प्रदेश भर के जनपदों में केंद्र सरकार की एनआरएचएम योजना का प्रचार-प्रसार करने के लिए लाखों रुपये का बजट पास हुआ था। इसमें रकम की हेराफेरी होने की सूचना मिलने पर सीबीआई ने मामले की जांच की। जांच के बाद पूर्व डीजी डॉक्टर ईश्वर शरण श्रीवास्तव, पवन कुमार श्रीवास्तव, तुलसी राम तिवारी (असिस्टेंट), पीके श्रीवास्तव (ज्वाइंट डायरेक्टर), राकेश सिंह, डीपी मिश्रा और अनिल केसरवानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

आरोप है कि अभियुक्तों ने प्रचार-प्रसार के लिए लगाए जाने वाले फ्लैक्स, होर्डिंग, डिस्पले बोर्ड और पोस्टर के नाम पर लाखों रुपये के खर्च में से अलग-अलग मद में करीब 28 लाख 48 हजार रुपये का घोटाला किया। इसकी जांच पूरी करने के बाद सीबीआई ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की, जिस पर अदालत ने संज्ञान लिया। इसके बाद आरोपियों की ओर से डिस्चार्ज अर्जी कोर्ट में दाखिल की गई। वहीं, सोमवार को अदालत में पवन कुमार के अलावा सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तय किए गए।

 

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