नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार 10 बैंकों के मर्जर की घोषणा कर चुकी है, जिससे बैंक कर्मी नाखुश हैं। इसी मर्जर के विरोध में 25 सितम्बर की मिडनाईट से 2 दिन तक बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं । इसके साथ ही बैंक यूनियनों ने बैंकों के एकीकरण की इस योजना के खिलाफ नवंबर के दूसरे सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की भी धमकी दी है।
आपको बता दें कि अगर 25 से 27 सितंबर तक बैंक कर्मचारी स्ट्राइक रखते हैं तो इससे बैंक 4 दिन बंद रहेंगे। क्योंकि 28 सितंबर को चौथा शनिवार है और 29 सितंबर को रविवार होने की वजह से बैंकों का अवकाश रहेगा। स्ट्राइक करने के पीछे बैंक कर्मचारियों की ये भी मांग है की उनकी सैलरी बढ़ाई जाए और उनसे हफ्ते में सिर्फ पांच दिन काम लिया जाए, बाकी दो दिन छुट्टी रहे।
ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन, आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन, इंडियन नेशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक आफिसर्स हड़ताल में शामिल होंगे। एआईबीओसी (चंडीगढ़) के महासचिव दीपक कुमार शर्मा ने यह जानकारी दी है।
शर्मा ने कहा कि देशभर में राष्ट्रीयकृत बैंक 25 सितंबर की मध्यरात्रि से 27 सितंबर की मध्यरात्रि तक हड़ताल पर रहेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के विरोध और अपनी अन्य मांगों के समर्थन में बैंक कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।
इन बैंकों का होगा विलय
सरकार ने 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है। इसके तहत यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और ओरियंटल बैंक आफ कॉमर्स का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा। इसके बाद अस्तित्व में आने वाला बैंक सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। इसी तरह सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में किया जाएगा। इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया जाना है। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक आफ इंडिया में मिलाया जाएगा।
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