सर्वोच्च न्यायालय ने कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी को कश्मीर जाने की अनुमति दी। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आप अपने मित्र से भेंट करने कश्मीर जा सकते हैं, लेकिन वहां कोई और गतिविधि नहीं कर सकते। इस पर केंद्र सरकार के वकील ने येचुरी की श्रीनगर यात्रा को राजनीतिक करार दिया। जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने येचूरी से कहा कि आप वहां किसी और काम में हिस्सा लेंगे तो इसे कोर्ट आदेश का उल्लंघन माना जाएगा। इस पर सीपीआई महासचिव ने कहा कि वह निर्देश का पूरा पालन करेंगे। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि कश्मीर में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।
इसके अलावा शीर्ष अदालत ने जामिया के स्टूडेंट मोहम्मद अलीम सैयद को अपने परिवार से मिलने के लिए अनंतनाग जाने की अनुमति भी दे दी है। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहा और उसे पैरंट्स से मिलना है। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘आप अपने पैरंट्स का हाल जानने के लिए अनंतनाग जाने की अनुमति दी जाती है।’ घर से लौटकर दिल्ली आने के बाद याचिकाकर्ता को ऐफिडेविट फाइल करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया।
याचिका की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि भारत के नागरिक के तौर पर प्रत्येक नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में भ्रमण की आजादी है। बता दें कि कुछ दिन पहले भी सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि कश्मीर में हालात ठीक करने के लिए कोर्ट सरकार को कुछ और वक्त देना चाहती है।
आज (बुधवार) सुबह जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देनेवाले आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के संबंध में दायर कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख तय की है। 5 जजों की संविधान बेंच संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस भी जारी किया है। याचिकाकर्ताओं में जामिया के छात्र के साथ सीपीआई नेता सीताराम येचुरी भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकार्ताओं को कश्मीर जाने की अनुमति दी, लेकिन खास तौर पर निर्देश दिया कि भेंट-मुलाकात के अतिरिक्त और कोई गतिविधि वहां न करें।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में आर्टिकल 370 से संबंधित सभी याचिकाओं की सुनवाई संविधान पीठ करेगी। 5 जजों की संवैधानिक बेंच इससे संबंधित सभी याचिकाओं की सुनवाई करेगी। कश्मीर टाइम्स की एग्जिक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया। भसीन ने प्रदेश में इंटरनेट, लैंडलाइन और दूसरे संचार माध्यमों पर लगी पाबंदी में ढील के लिए याचिका दी है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को 7 दिन की समय-सीमा के अंदर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। केंद्र की ओर से जम्मू-कश्मीर में संवादवाहक (मेसेज पहुंचाने के लिए) की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।
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