सर्वोच्च न्यायालय मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक को दंडात्मक अपराध बनाने वाले कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है। शीर्ष अदालत ने आज याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। अदालत ने तीन तलाक लागू किए गए नए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से प्रतिक्रिया मांगी है।
आपको बता दें कि बीते महीने के अंत में तीन बार लोकसभा से पास हो चुके तीन तलाक पर राज्यसभा ने भी अपने कड़ी परीक्षा के बाद मुहर लगा दी थी। हालांकि, नीतीश कुमार की जेडीयू और एआईएडीएमके समेत कुछ दलों ने राज्यसभा में वोटिंग के दौरान हाजिर न रहने का फैसला किया था।
इन दलों की वोटिंग के दौरान गैर मौजूदगी के चलेत 240 सदस्यी राज्यसभा में जरूरी आकंड़े तीन तलाक बिल के पक्ष में पड़ पाए। विपक्षी दलों ने तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जान के मांग की थी। लेकिन, सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने के प्रस्ताव में 84 वोट ही पड़े जबकि इसके खिलाफ 100 वोट पड़े थे। इसके फौरन बाद तीन तलाक बिल राज्यसभा से पास हो गया था। इसके बाद राष्ट्रपति ने भी अपनी मुहर लगा दी थी।
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